तेरी यादों में अक्सर,
नयन मेरे बरस जाते हैं
बादल की तरह...
डर हैं लिपट ना जाए
इंद्रधनुष पलकों से
काजल की तरह...-
तुम्हें किया जानो फूलों पे क्या गुजरी,
इंतजार हर बहार पे तलवार सी गुजरी,
जीना चाहते थे वो शाख पे लहरा कर ,
तेरे इश्क़ में तोड़ ले गया कोई
उस शाख पे क्या गुजरी-
बादल घने हैं एक ऊँची उड़ान और सही
बारिश बहुत है एक कच्चा मकां और सही
मकां मेरा बड़ा ही अजीब ओ ग़रीब है साहेब
दर ओ दीवार ग़ायब हैं इक मेहमान और सही
उन्हें ऐतबार अब नहीं होता किसी भी बात का
पाकीज़ा उल्फ़त के नाम इक परवान और सही
शहर भर में बड़ा ही शोर है चंद दरिंदों का
पकड़ने को लगाते हैं उन्हें इक मचान और सही
क्या वो मुझे पहचान लेगा मेरे पैरों के छालों से
अगरचे नहीं तो पेशानी पे इक निशान और सही-
खुदा को याद करूँ…
या करूँ_इवादत तुम्हारी
ज़र्रे ज़र्रे में वो है …
और कतरे कतरे में तुम !!-
मेरे शब्द बादल, बारिश और बाढ़..
तीनों ही तो है..
बादल बन मेरे मन में उमड़ते हैं ..
बारिश बन कागज़ पे बरसते हैं
और बाढ़ बन मेरी आँखों से बहते हैं..
मेरे शब्द भला कब मेरे पास रहते हैं?-
Dard sehne ki maano aadat ho gayi hai....
Ab toh aansoon bhi sukh gye hai...
Mano khushiyon ne apni raah badaal diya hai..-
छोटी सी ज़िंदगी है
हर बात में खुश रहो
जो चेहरा पास ना हो
उसकी आवाज में खुश रहो
कोई रूठा हो तुमसे
उसके इस अन्दाज में खुश रहो
जो लौट कर नहीं आने वाले
उन लम्हों की याद में खुश रहो
कल किसने देखा है
अपने आज में खुश रहो
खुशियों का इन्तजार किस लिए
दूसरों की मुस्कान में खुश रहो
क्यों तड़पते हो हर पल किसी के साथ को
कभी-कभी अपने आप में खुश रहो
छोटी सी तो ज़िंदगी है
हर हाल में खुश रहो-
अगर टपकी अश्रु की
एक भी धार,
तो मझधार लग जाएगी,
बात अश्रु की कर रही हो आप,
ज़रा गौर से देखिये आईने में,
आपके खौफ से तो काजल की
हल्की सी लकीर भी इधर उधर नही जाएगी।-
Kuch toh saajis jarur rachi hogi inn badalon🌧️ ne bhi, verna uss asmaan se milne ke baad, her "boond" samundar🌊 se milne ki khwahish nahin rakhti...☀️
-
सितारों से सजी तुम बादलों से लिपटी हुई मिली
मुझे मेरी कहानी स्याही से निखरी हुई मिली...
त्वरा-