Kiran Tandan   (काविरा)
1.6k Followers · 298 Following

read more
Joined 22 February 2019


read more
Joined 22 February 2019
4 JAN AT 20:45

सती!... सती!... ओ प्यारी सती!
क्यों करने लगी हो अति?
किसीकी जटाओं से जोड़ आई थी शीष
कि केशों में है गंगा की गति?
अरे! किस श्मसान छोड़ आई हो महावर
पैरों में यह कैसी बभूति है रमी?
कहा हैं सुंदर स्वर्ण-आभूषण
कैसे गले से यह केंचुली सटी?

सती!... सती!... ओ प्यारी सती!
क्यों करने लगी हो अति?
किसे दे आई वह सुर्ख़ लाल रंग होंठों का
और कैसे बना कंठ नील नदी?
कहा हैं रेशमी वस्त्र तुम्हारे
यह कैसा प्रेम है बाघम्बर के प्रति?
गुड़हल का रिश्ता क्यों कर आई कनेर संग
क्या मारी गई थी तुम्हारी मति?

सती!... सती!... ओ प्यारी सती!
किस देव के लिए हुई हो इतनी हठी?

-


13 MAR 2023 AT 1:52

युद्ध
------
बँदूक
गुलाब हो सकते थे,
और विस्फ़ोट कोई प्रणय गीत,
युद्धघोष में गूंजता चुंबन,
और नयनों से पराजीत होते योद्धा
ललकार से नहीं चुप्पियों से दी जाती चुनौतियाँ,
और सैनिकों की गणना से अधिक होते कवि,
गर शत्रु कोई प्रेमी होता
तो निश्चित ही मिल जाता उसे
हृदयराज!

-


12 MAR 2023 AT 19:10

परिपक्व
--------------

इन दिनों चुन रही हूँ
सुंदर होनें से भी अधिक साहसी होना
और सूरजमुखी सी फूटने से पहले बतला देना चाहती हूँ
कि मैं ज्वालामुखी अधिक हूँ।
प्रेमिका होने से पहले क्रांतिकारी होना चुनती हूँ
और गंगा होने से पहले मणिकर्णिका,

ज़रूरी है!
सती होने से पहले महाकाली होना,
और फूल होने से पहले फूलन होना।

-


4 MAR 2023 AT 23:41

चाँद का सवाल
-----------------

ओय्य चाँद...
कल कहा थे सारी रात?
पता है
बाबा ने कितनी बार छानी है गलियां
और अम्मा ने तो कल से खाना भी नहीं खाया
छोटी का तो रो–रोकर बुरा हाल है...

अब बताओ भी कहाँ थे?

छोड़ो रहने भी दो।

अरे बताओ तो..

क्या तुम्हें नहीं पता?
इन दिनों
आसमां में विचरती है
कोई सतरंगी ओढ़नी वाली लड़की,
बारिश और सूरज की पुत्री
धनक !

अच्छा!
तो मियाँ इश्क़ में हैं।

वैसे मैंने तुमसे कभी नहीं पूछा कि
शल्यकक्ष में कहां रहता है तुम्हारा मन?

-


26 FEB 2023 AT 12:48

....

-


12 FEB 2023 AT 13:51

रात अमावस की
---------------------
रिश्तों के इंद्रधनुष से बंधे थे पैर
मैं पैरों को झटकार
अंधेरी रात में भागी।
रात के आगे खुल आसमां था
आसमां में कोई अपना नही
एक चाँद से गहन रिश्ता था
मैं पुकारती रही।
चंद्रदेव!
चंद्रदेव!

-


2 NOV 2021 AT 7:46

सुनो...
तुम मुझसे थोड़ा कम प्यार करना
मैं तुमसे थोड़ा ज्यादा प्रेम करूँगी
घृत और मधु का समसंयोग
हानिकारक होता है,
एक–दूजे के लिए नहीं पगले!
ये दुनिया वालों के लिए।

-


11 SEP 2021 AT 11:36

तुम प्रेम में थे
फ़िर भी प्रेम नहीं कर पाए,
तुम्हारे होठों में प्रणयगीत था
और तुम्हारे कण्ठ से एक स्वर ना फूटी,
तुमने खूब लिखे प्रेम पत्र
जिनसे अनभिज्ञ रही तुम्हारी प्रेमिका,
तुम्हें बखूबी य़ाद था उसका पता
तुम फिर भी उसकी गलियों में जाने से डरे।
तुम डरे!
बहुत डरे और सिर्फ़ इंसानों से डरे
उन लोगों से डरे
जो ख़ुद भी कभी प्रेम में थे।
तुम पूर्वप्रेमियों से डरे
जो अब प्रेम का विलोम हो चुके हैं।
तुम्हें डरना चाहिए था,
कि जब
ईश्वर ऊपर तुम्हें पूछे कि
"क्या तुमने कभी प्रेम किया है?"
तो प्रत्युतर में तुम्हें "ना!"
ना कहना पड़े।

-


25 AUG 2021 AT 22:15

रात ही तो है ज़िंदगी
सब अपने चाँद की तलाश में भटक रहे हैं,
कोई तारों से मिलकर ख़ुश नहीं होता।

-


17 JUL 2021 AT 11:25

प्रतिबिंब (लप्रेक)

-


Fetching Kiran Tandan Quotes