उसकी ज़रा सी तवज्जो के खातिर,
उमसभरे दिन कछुए से गुज़रते है।
कोई सूरज को जल्दी ढ़लना सिखा दो।
त्वरा
उमस = humidity-
Rinku Shah
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tvara_writings
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Joined 19 December 2017
9 JUL AT 22:42
8 JUL AT 8:40
तुझे छूकर एकबार फ़िर, ख़ुद को छू लेना था,
ये छोटी सी हसरत लेकर, तुझसे मिलना था।
त्वरा-
5 JUL AT 7:04
उसने मेरे हर एक तर्क को जुटला दिया,
इश़्क होने के लिए इतना काफ़ी था क्या?
त्वरा-
3 JUL AT 19:19
तेरे बाद अब
न थामेंगे दामन किसका
न बढ़ायेंगे हाथ दोस्ती का
सबक तुने जो दिया है मुझे
एक उम्र लगेगी समझने में।
कुछ लोग याद रह ही जाते हैं
दस के पहाड़े जैसे।
त्वरा-
3 JUL AT 18:59
हो सबक, तो संभाल लूँ अपनेआप को,
बेक़द्री की, किसीको क्या फ़रियाद करुँ?
त्वरा
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3 JUL AT 18:44
तेरे न होने से हुआ है मालूम मुझे,
तेरा होना ज़रूरी है साँसो सा मुझे ।
त्वरा-
3 JUL AT 18:28
तेरे बिना भी तुझसे बातें हो जाती है,
तेरी आवाज़ मैंने, बांध रखी है मुठ्ठी में।
त्वरा
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3 JUL AT 18:26
तेरे नाम से जुड़ गया है एक शहर पूरा,
कोई पूछे तो बताऊँ कैसे,मशहूर क्या है?
त्वरा-