QUOTES ON #BACHE

#bache quotes

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17 JUL 2021 AT 21:36

किसी को अब फिर से खोने का,
अफ़सोस ही क्यूं किया जाए,
ना ही अब किसी को पाया जाए,
ना ही फिर किसी को खोया जाए।

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6 JUL 2017 AT 13:51

माँ ने रोटी में आटा थोड़ा कम लगाया था शायद बच्चे दो थे इसी का हिसाब लगाया था..!!

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6 AUG 2019 AT 19:28

Humne Akshar Dekha Or Suna Hain...
Jab Bhi Apna Bacha Galti Kadta Hain..
To Parents Dusre Bache Ki Galti Dete Hain..

Ye Sochte Hain, Dura Bacha Galat Hain Isi Liye Humara Bacha Bhi Galat Ho Rha Hain Us Bache Ke Saath...

Kabhi Ye Janne Ki Kosis Hi Nahi Karte,
Kahi Apna Bacha Hi Galat To Nahi....

Jab Bache Ki Galti Maalum Padti Hain,
Us Time Tak Bahut Der Ho Jata Hain...

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1 JAN 2022 AT 0:40

❣️वृद्धाआश्रम में, मिलने का फर्ज़,
अदा करने आए, बेटे को देखकर
मां की आंखों में फिर, उत्साह सा भर आया,
दिल में कहीं बुझा सा उम्मीद का दीपक,
फिर जल आया,
होंठों पे दबी सी मुसकुराहट लिए,
बेटे से बोली मां,
बेटे.. मुझे इस बार घर ले चल,
जायदा नही तो बस,
4,6 महीनों के लिए ही सही,
बेटे ने मां की भावनाओं का,
पलभर में मोल लगाया,
बिना लज्जाय, ज़बान से, उत्तर का बाण चलाया,
मां!!! घर छोटा है मेरा, घर में जगह की कमी बड़ी है,
मां छलकती सी आंखें लिए, धीमे से मुस्कुराई,
बोली, बेटे.. क्या मेरी कोख से भी छोटी जगह है??.❣️

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23 MAR 2020 AT 17:15

Tubelight short film

जब गरीबी ठहाके लगाकर मुस्करा रही, मदहोश सा सपने बुन रहा था वो
अर्श की ज़मीन पर बचपन की लाचारी में चांदनी सा उतर रहा था वो
उस सूनी अंधेरी सन्नाटे भरी रात में हीरे सा चमक रहा था वो
बचपन में खिलौनों से इश्क ना पूछो,समझदारों की भीड़ में दो कदम आगे निकल रहा था वो
उसके अस्तित्व की तशरीह ना पूछो, नादान व्यक्तित्व सा निखर रहा था वो
जफ़ा के हालात उसके ना पूछो , कीचड़ में कमल सा खिल रहा था वो
सूरज से लेकर आग उन्मत की आज़ार में tubelight सा जल रहा था वो

अर्श-आसमान
तशरीह-व्याख्या
जफ़ा-जुल्म
उन्मत-संसार
आज़ार-तकलीफ
-Twinkle

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13 OCT 2020 AT 7:49

"बड़ो का दिल तो सब जीत ही लेते हैं,
बच्चों का जीत के दिखाओ तो बात भी हो...."!!

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18 FEB 2020 AT 10:57

माँ की आँचल की छाया बच्चों को,
सूर्य की तेज रोशनी से बचाती हैं!
और बाप की कठिन परिश्रम,
अपने बच्चे के भविष्य के लिए कर जाते हैं!!

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26 JUL 2020 AT 17:42

बारिश का रंग
(अनुशीर्षक)

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23 OCT 2020 AT 20:51

अबकी दीपावली हम इस घर को सजाएंगे
यहां रहते हैं अनाथ बच्चे हम इनको पढ़ाएंगे
कर वृक्ष की सेवा इसकी छाया में बच्चों को झुलाएंगे
ये होगा " खुशियों का घर " हम जीवन उनका संवारेंगे


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27 JAN 2018 AT 20:31

ए मौला....
थोड़ा सा बचपना और दिला दे।
नहीं नहीं....
मेरे पास अभी भी है
जरा़ आज कल के बच्चों में बांट दूं।।

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