❣️शादी की चका चौंध के बीच
रस्मों रिवाज़ो के बीच
धूमिल सी पड़ जाती है...
वो कसमें..
न टूटने- न छूटने वाले वादे..
हर परिस्थिति में
साथ देने वाले मज़बूत इरादे...
बस... एक बुदबुदाने में सारे मंत्र...
इस जन्म साथ निभाने का प्रण ...
सात जन्मों तक का साथ...
सब मात्र दिखावे में बदल जाता है....
शादी की चका चौंध के बीच
रस्मों रिवाज़ो के बीच
सब, सब.. धूमिल सा पड़ जाता है...
अब!!!!!!❣️-
फिर चाहे वो अपना हो या दूसरों का... ❣️
❣️खुशी लि... read more
❣️ज़िंदगी गुम
सी है मेरी
तेरी इन अंखियों में
तू मुस्कुराती रहे हर पल
मैं मरता रहूं यूहीं तेरी अदाओं पे❣️-
❣️दिल में समेट कर तुझे
भुलाने चली हु...
तू कभी था ही नही मेरा
खुद को समझाने चली हु...
हो रहे है अब जुदा ये जानकर
तेरी यादों को बहाने चली हु....
जो ज़ख्म तेरे होने से, रिस रहे थे रोज़ रोज़
अब उन्हें दवा बनाने लगी हु...
तेरे साथ होने पर भी, थी मैं अकेली
अब मैं हूं अपनी सहेली, खुद को ये मनाने चली हूं...
बोहोत रुलाया है, तूने तो मुझे
ले अपनी खुशियों की ज़िम्मेदारी, अब खुद में मुस्कुराने लगी हूं...
रुखसत कर, तुझे ख्वाबों से भी अब अपने
खुद को सुकून से सुलाने लगी हूं....
बोहोत नजरंदाज किया, तेरी गलतियों को मैने
अब तेरे इक इक गुनाह गिनाने चली हूं....
अक्सर किया है तेरा इंतजार
अब खुद की अहमियत बढ़ाने लगी हु....
अजनबी है तू मेरे लिए, ये सोचकर
हर उम्मीद तुझे से मिटाने चली हूं...❣️-
❣️हो जाए तो फितूर सा इश्क़, न हो तो, चलती इसमें रिश्वत नहीं है❣️
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❣️बनता जा रहा है शैतान...
आसानी से मिल जाए शैतान चौकड़ी
सबरी बन राम मिले, इतना सब्र कहां करता इंसान!
नई तकनीक नया दौर है, चालाकियों का लगा ढेर है
बन राम अब, अपनों को छलता इंसान!
लाख बुराई कर ध्यान नहीं
इक अच्छा कर, सौ बार एहसान जताता इंसान!
हर कदम पर खड़ा मिलता है, झूठ का झुंड
सच को साबित करने में, सबूत जोड़ता सीधा इंसान
आसान हो गया बुरे रहकर, रिश्तों को तोड़ना
रोज़ सहना- घुटकर रहना, अच्छा बन, यूं रिश्ते निभाता इंसान
मुखौटा बदलकर रोज़ मिलता है यूं
मतलबी झूठा हो गया इस कद्र की
अपनी इंसानियत, पल पल खोता इंसान ❣️-
❣️चलो एक नई शुरुआत करते है,
इस बार अच्छाईयों से नहीं,
इक दूसरे की कमियों से प्यार करते है।।
एक दूसरे में गलतियां ढूंढने की बजाए,
अपनी अपनी गलतियों को ठीक करते है।।
मै सही तू गलत की लड़ाई को छोड़कर,
अपने रिश्ते को ठीक करते है।।
भूल जाओ तुम मेरी गलतियां,
हम भी तुम्हारी गलतियों को, नजरंदाज करते है।।
दूरी जो बढ़ गई है रिश्ते में हमारी,
2 कदम तुम चलो, 4 कदम हम तय करते है।।
खामोशी ने खोद दी, गहरी खाई दोनों के बीच,
इस बार, हर बात एक दूसरे से share करते है।।
कमी थी जो पहले लहज़ों में हमारी,
इस बार, हर argue respect से करते है।।
चलो एक नई शुरुआत करते है,
इस बार अच्छाईयों से नहीं,
इक दूसरे की, कमियों से प्यार करते है।।❣️-
❣️अच्छी नसीहत दे गए मुझको, बेवफ़ाई करने वाले,
की, रिश्तों में, सच्ची वफ़ा अच्छी नहीं....❣️-