'एक भक्त के लिए'
"जब तक दुःख में तुम दुःखी हो, समझना तुमने 'हरि' को चुना,
जब तुम दुःख में भी सुखी हो, समझना 'हरि' ने तुमको चुन लिया... "!!-
"माँ का जाना अचानक हुआ,
जब तक थी वो एक धुन में जी रहे थे हम,
जब वो गयी तो सबके मिज़ाज़ देख रहे थे हम,
सच झूठ में अंतर समझते समझते खुद को कही खो रहे थे हम,
अपने परिवार से बिछड़ने पर थोड़ा अकेले पड़ गए थे हम,
खुशियाँ तो बहुत थी मेरे पास पर अपने पापा की फिक्र में शांत हो रहे थे हम.. "!! 😓-
"बहुत कुछ है करने को,
बहुत कुछ है कहने को,
जब इस शरीर को छोड़ना चाहा,
तब प्रभु ने नये मझधार मे फसाया,
जो जो अपने बन कर आये ,
सब ने ही अपना असली रूप दिखाया,
मन भर चुका था जब इस दुनिया से,
तब माँ को खोया, अपना घर भी खोया,
नये घर में आकर मैंने, अब अपने आप को भी खोया,
सारी ख्वाहिशें अधूरी, सारे सपने अधूरे,
सारी बातें सही, उनका साथ भी सही,
मगर फिर भी इस दिल में एक उदासी भरी..."!!
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"श्याम संग प्रीत, मेरी ऐसी है लागी,
जिधर देखूँ मैं, बस श्याम छवि ही आती..."!!-
"आज मन उदास है,
मुझे पता है आखिर क्या बात है,
समझा रखा था जिसे बरसों से मैंने,
वो मानो टूट गया हो जिंदगी के हर रंग से..."!!
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"अपनी विफलताओं से कभी मुँह नहीं मोड़ा,
उदास जरूर हुए हम,
मगर कभी अपना लक्ष्य नहीं छोड़ा"...!!-
"चेहरे की मुस्कान से कौन पहचान पाता है,
दर्द कितना है ये सिर्फ वही इंसान जनता है..."!!-
"उम्र के साथ तज़ुर्बा होना आम बात है,
मगर उसके साथ बचपना होना अच्छी बात है..."!!-
"जाते जाते वो खामोश कर गए,
जो कभी खुल के जीते थे,
उन्हें वो उनमें बेहोश कर गए..."!!-