एक आशियां फिर उजड़ गया उस आंधी के झोंके में,
और महलों में रहने वाले कह रहे थे हवा अच्छी चल रही थी बाहर..!!!!
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महलों में रहने वाले अक्सर धोखा खा जाते है
आंधी धीरे आती है तो झोपड़ियाँ बर्बाद कर देती है
अरे उन महलों वालों को क्या पता
जब आंधी तेज आती है तो महल को भी बर्बाद कर जाती है
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Haa toh khaa gye mereko hawaa samajhne wale...
Aandhi laa di na mere jawab ne....-
आंधियां जब चलती है ...बडे पेडों को गिरा जाती है ...घास के तिनकों का कुछ नही बिगडता ...
घमंड की ऊंचाई
जीवन की सच्चाई
यथार्थ का बोध
करा जाती है ।
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आंधी कई बार इतनी तेज भी आती है
बड़े से बड़े वृक्षों को गिरा देती है
लेकिन जो वृक्ष जमीन से जुड़े रहते हैं
वह कैसी भी आंधी का सामना कर लेते हैं
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Wo Attitude Hi Kya,
Jo Waqt Ke Saath Toot Kar Bikhar Jaaye,
Agar Koi Kisi Se Dil Lagaye,
To Aise Lagaye Jaise Tez Aandhi
Sookhe Patto Ko Na Uda Paye.
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एक आस की थी, घटाएं घिरी भी थी,
एक धूल भरी आंधी ने सब किरकिरा कर दिया।-
तबाह करने की आँधी वो ही है,
तो सुकूँ की हवा भी वो ही है।
दर्द भी दिया है उसी बेदर्द ने,
और दर्द की दवा भी वो ही है।-
अचानक खुल गईं दिल के कमरे की खिड़कियाँ,
कुछ बीते हुए लम्हों की तेज आँधी के थपेड़ों से।
गुबार-सा फैल गया हर तरफ यादों की धूल का
और महक बरसों से बंद पड़े कमरे में सीलन की
तब्दील हो गई कुछ मुरझाए फूलों की खुशबू में।
वक्त बदला है मगर खुशबू से एलर्जी आज भी है
मगर इस बार छींकें नहीं आईं हर बार की तरह।
आई बस! आँखों में लाली और हल्की-सी नमी।
Unsaid words-