हम तो सिर्फ़ बातें करते हैं,
अपने "valentine" के लिये "जान" देने की l
हमारे जवानों नें अपनी "महबूबा" के लिये,,
"जान सच में दे दी" ll-
जिनके सिंहनाद से सहमी धरती
रही अभी तक डोल
कलम, आज उनकी जय बोल
जो चढ़ गये पुण्यवेदी पर
लिए बिना गर्दन का मोल
कलम, आज उनकी जय बोल
जल-जलाकर बुझ गए किसी दिन
माँगा नहीं स्नेह मुँह खोल
कलम, आज उनकी जय बोल-
"इश्क़ तो मुझे भी बेशुमार हैं तुझसे मेरी माँ
बस ख़्वाहिश इतनी सी की तेरे सजदे में निकले मेरी जाँ....
मेरे देश के वीर योद्धाओं
पुलवामा शहीदों को
🙏💐🇮🇳शत शत नमन एवं श्रद्धासुमन🇮🇳💐🙏
पूरी कहानी अनुशीर्षक (केप्शन) में पढ़ें
©कुँवर की क़लम से....✍️
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दे तो देंगे सियासत वाले हर इक मौत का जवाब
क्या ही लगाएंगे बहा जो हर माँ के लहू का हिसाब
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इश्क़ गर वतन से हो तो दमदार होना चाहिए
लहू का एक - एक कतरा यहां कर्जदार होना चाहिए।-
सोचा भी अब हमला करने का तो
फिर से वही नजारा दिखाएंगें
Full poem in caption
🙏❤💂💂💂❤🙏-
याद करो उस फौजी को,
जिसकी मां बेखौफ ना सोती है,
याद में हर पल अपने बेटे के,
रोज रात को वो रोती है।।
#पुलवामा-
तेरे सितम ढाए गए हैं
फिर कुछ मारे गए हैं
दर्द का सैलाब है आया
अपने कुछ पराए हुए हैं-