टीस थी देश को जिसकी बहुत,
उस कमी को भी दूर किया,
नाकामी का तब अभिशाप मिटा,
जब भाला तूने गगन में फेंक दिया ।-
एक पल के लिए मान लेते हैं कि किस्मत में लिखे फैसले बदला नहीं करते।
लेकिन आपने जो हौसले दिये है उसके लिए इस एक फैसले को ठोकर मारते हैं
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मातृशक्ति को नमन
आपसे ही गौरवान्वित हुआ
फिर ये चमन
रजत पदक मीराबाई चानू-
मन विचलित होगा आखों में धुंधलापन
छा जाएगा,
राह चलने वाला भी तुमको राह दिखाने
आएगा।
भीषण छण होता जीवन का अपनो से
छल पाएगा
हर बार प्रयत्न करेगा हर बार पराजय
पाएगा
कलयुग में माधव मानव को कौन बचाने
आएगा
माधव बोले पार्थ धैर्य को जो धारण कर
पाएगा
हिम्मत मेहनत रूपी नैया से हर बार
किनारा पाएगा
कोशिश तो सब करते है मुश्किल से
रोज गुजरते है
विश्वास अटल होगा जिसका वो अम्बर
पे छा जाएगा।।।।-
खामोशी में भी एक तलब सी लगती है
वह होकर पास भी आज दूर से लगती है-
तकदीर का सफलता से कोई ताल्लुक नहीं है। मैंने घंटों, अनगिनत घंटों खेल के मैदान पर जीत के उस क्षण के लिये मेहनत की है, जो कब आएगा मुझे नहीं पता था।
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ओलंपिक खेल हैं ऐसे लगाकर दम ही जीतेंगे।
विदेशी कह रहे थे हम स्वर्ण से कम ही जीतेंगे।
किसी को था नहीं लेकिन मुझे पूरा भरोसा था
स्वर्ण यह फेंकने का है इसे तो हम ही जीतेंगे।-
तुम काफी लोगों के लिए प्रेरणा बन गए,
एथलेटिक्स में स्वर्ण लाकर तुम तो हीरो बन गए।
नीरज चोपड़ा आखिर तुम्हारी मेहनत रंग लाई,
ओलंपिक्स में तुमने तिरंगे की खूब लाज बचाई।
तुमने वो कर दिखाया,
जो अभी तक कोई ना कर पाया।
तुम तो भारत की शान बन गए,
हम सबका अभिमान बन गए।-