Arneet   (©️ Arneet)
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Joined 4 May 2021


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20 APR AT 0:39

हम उदास होते हैं तो वो नाराज़ हो जाते हैं,
खुश रहने के लायक छोड़ा नहीं उन्होंने।

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18 APR AT 22:18

मेरी सूनी मांग ने उनके नाम का सिंदूर भरी उस लड़की की मांग देखी,
मेरे माथे ने उनके नाम की बिंदी उस लड़की के माथे पर देखी,
मेरे हाथों ने उनके नाम की मेंहदी उस लड़की के हाथों में देखी,
निगाहें बेज़ुबान हो गई जब मेरे यारा की दुल्हनिया देखी।

मेरे गले ने उनके नाम का हार उस लड़की के गले में देखा,
मेरी अंगुलियों ने उनके नाम की अंगूठी उस लड़की के अंगूली में देखी,
मेरे पैरों ने उनके नाम के पायल बिचुवे उस लड़की के पैरों में देखे,
निगाहें बेज़ुबान हो गई जब मेरे यारा की दुल्हनिया देखी।

मेरी आँखों ने उनके नाम पर शर्माती वो लड़की देखी,
मेरे दिल ने उनकी सगाई की एक एक रस्म बहुत ध्यान से देखी,
मेरी झोली ने मेरे यार के नाम की चीज़ें उस लड़की की गोद में देखी,
निगाहें बेज़ुबान हो गई जब मेरे यारा की दुल्हनिया देखी।

मेरी आँखों ने उनके नाम का श्रृंगार करती कोई और लड़की देखी,
मेरे कानों ने उस लड़की के आसपास सुहाग गीत गाती औरतें की आवाज़ सुनी,
मेरे दिल ने उनके घरवालों के चहरे पर उस लड़की को बहु बनाने की खुशी देखी,
निगाहें बेज़ुबान हो गई जब मेरे यारा की दुल्हनिया देखी।

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18 APR AT 21:38

सब्र रखो दिल तुम, अब वो हमारे नहीं,
उन्हें बार-बार याद ना करो, अब वो हमारे नहीं,
थोड़ी बहुत तो सुन लो दिमाग की, अब वो हमारे नहीं,
बहुत हुई मनमानी दिल, क्या तुम अब मानोगे नहीं?

मेरे प्यारे दिल तुम्हें तकलीफ हो रही है, ये हम समझते हैं,
तुम्हारे लिए वो “प्रेम” शब्द के पर्यायवाची हैं, ये हम समझते हैं,
तुम उन्हें कितना चाहते हो, ये हम समझते हैं,
बहुत हुई मनमानी दिल, अब तुम समझते क्यों नहीं?

तुम किसी पराये मर्द के लिए खुद को तकलीफ मत दो,
बहुत हुई मनमानी दिल, खुद के लिए जीना शुरू कर दो।

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16 APR AT 21:32

मैं कितना भी समझा लूं खुद को
मेरी बात नहीं मानेगा दिल,
ये नहीं भूल पाएगा तुझे
तू मुझसे आकर मिल।

बार बार समझा लिया कि
तू किसी और का हो चुका है
भूल जाए तुझे, तू मेरा नहीं,
तेरे सिवा किसी और की बात नहीं मानेगा दिल।

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15 APR AT 18:13

आज हर वो खिड़की बंद कर दी जाए,
जहां से उनकी यादें हवा बनकर अंदर आए।
कल ही तो उनकी सगाई हुई,
उनके जीवन से हमारी विदाई हुई।

अभी भी मन आस तो लगाए बैठा है,
उनका फैसला भी दिल को रुलाए बैठा है।
उनकी यादों का तूफ़ान आ गया है,
खिड़की बंद करने का भी सही वक्त आ गया है।
हमने कोशिश करी घर के अंदर तक ना पहुंचे आँधी,
बारिश की बूंदों ने हमारी तर्जनी भिगो दी।

इतने तूफ़ान में आजतक मिट्टी को भला कौन रोक पाया है,
जगह-जगह उनकी यादों ने फिर से अपना ठिकाना बनाया है।

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15 APR AT 13:27

उसका चेहरा देखकर सुबह होती, रात भी गुजरती वहीं,
ना ही मैं उसकी पत्नी थी ना ही वो मेरा पति।
ये जानते हुए कि वो मेरा होगा नहीं,
निभा रही थी बेनाम सा रिश्ता क्योंकि मारी गई थी मेरी मति।

कहता है मेरे राब्ते में रहना, तुम मेरी अच्छी दोस्त रहोगी,
ज़िंदगी में बहुत मसले है, सलाह मानूंगा जो कहोगी।
अकेली कहां हो तुम, फोन करता रहूंगा,
तुम अपने मन की कहना, मैं अपनी कहूंगा।

कहता था तुम्हारे अलावा जिसके साथ रिश्ते में बंधेंगे,
उस रिश्ते को मजबूरी में ही स्वीकार करेंगे।
अपनी मजबूरियां बताकर, सारे सपने तोड़ गया वो,
बेनाम सा रिश्ता बनाकर, मुझे अकेला छोड़ गया वो।

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15 APR AT 12:33

सारी ज़िंदगी ना सही, कुछ पल के लिए सिर्फ़ मेरे हो जाओ ना,
पत्नी नहीं बना सकते तो मुझे अपनी सबसे प्रिय स्त्री घोषित कर जाओ ना,
खुशियां नहीं दे सकते तो जाते-जाते अपने सारे दर्द मुझे दे जाओ ना,
अब कोई और मेरी ज़िंदगी में ना आए, ये दुआ दे जाओ ना,
नहीं जी सकती तुम्हारे बिना, कम उम्र होने की बद्दुआ मुझे दे जाओ ना,
मेरे पास ना होकर भी मुझे ऐसा लगे तुम मेरे साथ हो, कुछ ऐसा दे जाओ ना,
तुम हर रोज़ मेरे ख़्वाबों में आते हो, मैं सोना नहीं चाहती, मेरी नींद ले जाओ ना,
अब सिर्फ़ तुम्हें याद करके रोना पसंद है मुझे, मेरी हंसी ले जाओ ना,
मेरी रूह लेकर जा ही रहे हो तो मेरा सुकून भी ले जाओ ना,
हमेशा मेरे साथ राब्ते में रहोगे, ऐसे झूठे वादे करके मत जाओ ना,
जो तुम कभी पूरा नहीं कर सकते, ऐसे ख़्वाब दिखाकर मत जाओ ना,
तुमने मुझे बिना ख़बर दिए छोड़ दिया, अब हमेशा के लिए छोड़ जाओ ना,
मेरी ज़िंदगी छीन ली तुम्हारे एक फैसले ने, अब मरने की इज़ाजत दे जाओ ना।

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14 APR AT 23:15

सुनो ना!
आज मन बहुत बेचैन है,
मैं नहीं जानती कि मैं गलत हूं या सही,
मैं परेशान तो हूं शायद,
एक तरफ़ आपके जीवन में आज
नई शुरुआत हो गई है,
मेरे हिस्से की खुशियां किसी और
की झोली में डाल दी गई है,
या शायद वो उसके ही
हिस्से की खुशियाँ थी,
जो कुछ वक्त तक कुदरत ने
मुझे दान में दी थी,
मैं आपके लिए खुश हूं,
लेकिन खुद के लिए उदास भी हूं।

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11 APR AT 23:13

कितना संभाला मैंने ख़ुद को यारा,
भावनाओं का दरिया बह ही गया।
मेरी कलम इसका वर्णन करती है,
सुनो ये खामोशी क्या कहती है।
तुम मेरे दिल को बहुत प्रिय हो,
तुम मेरी पहली और आखिरी मोहब्बत हो।

खुशी व संतोष सब तुमसे है,
घृणा और क्रोध भी तुम्हारी जुदाई से है,
यही सब मेरी भावनाएं हैं,
यही मेरे जीवन का आधार हैं,
आख़िर कब तक भावनाएं छुपी रहती,
तुमसे मिले तो भावनाओं का दरिया बह ही गया।

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10 APR AT 21:55

अपनों के आगे खुलकर ना मुस्कुराता तो और क्या करता,
मेरे परिवार का बच्चा बच्चा मेरी हंसी पर है मरता।
पहला प्यार भूलना नहीं है आसान,
मैं तुझे भूल जाऊं, ये कभी नहीं होगा मेरी जान।

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