Mujhe marne ki bhut jaldi hai
Tujhe meri kismat mai kyu nhi likha
Yeh sawal jo mujhe Khuda se karni hai-
जिंदगी इस कदर जीना सीख रही हैं
लगता है मुझको कभी मरने नहीं देगी
तुम्हारी मोहब्बत सर चढ़कर बोल रही हैं
लगता है, जिंदगी में कुछ करने नहीं देगी-
लहू टपकते हैं आँखों से , अब कितना तड़पाओगे,
मर जावेंगे उस रोज़ तलक़, जिस रोज़ तलक़ तुम आओगे...
जादूगर थे वो शायद , जादूगरी वो कर गए,
जिसे देखने को मरते थे हम , उसे देखते ही मर गए...
बोझ है ज़िंदगी ये , दिल है भरा - भरा सा ,
मर ही जाऊं कमसकम , सुकून आए ज़रा सा...
सुनो ऐलान मेरा , के "ख़ुद- कुशी करे ना कोई",
मारे तो बेवफ़ा को , यहां ख़ुद ही मरे ना कोई...
बार - बार गर इतना , प्यार दोगे तुम मुझे ,
इस क़दर तो जान मिरी , मार दोगे तुम मुझे...-
हालत मेरी मरने जैसी हो गई,
दूर वो मुझ से जब हो गई।
सच कहा है किसी ने की,
जोड़िया ऊपर से ही बन कर आई।-
जीते जी जिसका कभी हाल न पूछा तुमने....
आज मरने पर उसके, क्यों बेहाल होते हो...!!!-
मरने पर हमें जन्नत मिले या ना मिले
ये हवायें,ये फिजाये मिले या ना मिले
बात करने में कंजूसी मत किया करो मेरे यारों
क्या पता जन्नत में नेटवर्क मिले या ना मिले-
PYAAR
KARTE HO TO
EK BAAR
BOL KE BATAVO
YEH MOUN
TUMM MERE
MARNE KE
BAAD
RAKH LENA-