पढोगे तो खुली किताब हूँ,
नहीं तो असाध्य अल्फ़ाज़ हूँ।-
Sochta hu testimonial k roop me dil
ka aftaab de du
Duniya k bedaar swaalo ka davedar
ek jwaab de du
Aur meri bhn jitni dangerous h cute
bhi utni hi hai
Sochta hu ki main use miss india ka
khitaab de du-
पता है तुम्हें...
तेरे चेहरे की मासूमियत को भी समझने लगा हूँ मैं,
तुम्हें तुम से ज्यादा चाहने लगा हूँ मैं।-
Hmm sab ko pta h phele ki jamane ki larkion ka rehan sehan baut hi simple hota tha.....
Per aaj kal ki larkia rehan tak to thik hai per sehan kisi k baap ka nhi karti...............
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पतझड़ के वह दिन आए हैं
हवाओं को संग लाए हैं,
हवाएं भी कैसे खेल-खेल रही हैं
पेडों से हरे, पीले, सूखे पत्ते अपने संग उड़ा रही हैं|
पतझड़ के वह दिन आए हैं
खेत फसलों के खाली हो रहे हैं,
धरती पनसूरे की चादर से सुनहरी है,
बागों से नये फूलों की खुशबू आ रही हैं,
आम की डालियों में कलियां खिल रही हैं,
भौंरे कलियों पर मंडरा रहे हैं,
सूरज भी इसे देख खिलने लगा है।
पतझड़ के वह दिन आए हैं।
सुहानी हवाओं की शाम लाए हैं
पतझड़ के वह दिन आए हैं।-
वक़्त वक़्त की बात है जब दुनियाँ के मन की हो,
तो दुनियाँ बस तुम्हारी और तुम्हारे ही साथ है...
I will appreciate you at every circumstances of your life,
ups and downs both till what I see in you pahadan...
I don't go with others for you...
चाहे पंगा ही ह्वे जाओ धाकड़ पहाड़न..😍💚 🤟 ❣️-
बुरे थे दोनो तभी दोस्त बने अब बोल यह कैसी लड़ाई है
तेरे attitude ना सहूँ मैं क्या bidu तूँ तो मेरा भाई है-
प्रिय पिता जी
घर की सारी जिम्मेदारियों का बोझ उठता है,
खुद बुखा सोता है परिवार के लिए, पर मज़ाल है किसी को बताता है।।
एक बेटा है जो अपनी सारी कलाएं पिता से सीखता है,
पर अपनी खुशी का राज पता नही क्यों पहले माँ को सुनाता है।।
जानकर ये की बेटा बड़ा हो गया है सीख गया है सबकुछ,
फिर भी अपनी तरफ से उसे हर रोज जिंदगी जीना सिखाता है।।
जिम्दारियों के कर्ज तले दबा हुआ है थका हुआ है,
फिर भी हर रोज परिवार को चेन से सुलाता है।।
कोई कमी नही रखी उसने अपने बच्चों के लिए,
फिर भी पता नही क्यों बेटा बुढ़ापे में उसी को गालियां सुनता है।।
घर की सारी जिम्मेदारियों का बोझ उठता है,
खुद बुखा सोता है परिवार के लिए, पर मज़ाल है किसी को बताता है।।
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ना मिले कभी तुम
फिर भी अपने से लगते हो,
कभी देखा नहीं
फिर भी से खुबसूरत लगते हो,
अंजान होकर भी पहचाने
से लगते हो,
दोस्त हो तुम
कमीने से लगते हो।
#दिल से दिल तक
#keepsmiling-
नजर झुका के बात कर pagle
जीतने तेरे पास कपड़े नहीं होंगे
उतने तो मैं रोज लफड़े karti hu-