पर्वतों के वासी 🌼🌹🌸🌻   (Mountains Dwellers 💚)
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Joined 12 February 2021


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वो रंगीन शामें, वो हसीन चेहरा,
अमिताभ दिल और क्या क्या कमी है,
लगे जिन्दगी में सब यहीं है वेसे,
मगर कहीं पर कुछ भी दिखता नहीं है...

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अपेक्षाओं के अधीन, हो गए जो कभी तुम ज्यादा,
फिर समझ को सिर्फ, अपनी ही समझ होगी,
चुपचाप होकर दूर चले जाना आसान है, चले जाओ,
आकर आख़िर उसी जगह, रो कर फिर क्या फायदा..

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की अब हमें गहरी यारी से डर लगता है,
विचारशील बने किसी बेचारी से डर लगता है,
समाजिक लोगों की दुनियादारी से डर लगता है,
वफादार लोगों की गिरफ्तारी से डर लगता है,
और ये सब तो ठीक था चल ही जाता मगर,
सबसे ज्यादा उनकी समझदारी से डर लगता है...

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पुराने पैदल रास्तों की आहट बताती है,
सुनसान पड़े हैं एक ज़माने से,
छोड़ दिया है, तुमने हमको,
जो नई सड़कों के बहाने से...

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एक हल्की सी बौछार बारिश, लगे शिवमय संसार सारा,
सब धुले से सब नए से, लगे प्रकृति का रूप और भी न्यारा,
हरे भरे छिपे पत्तों की लौटी चमक तो, वन भी लगे और प्यारा,
प्रकृति क्या, इंसान क्या, सूखा हुआ जो, खिले रूप हमारा...

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तुम्हारी एक झलक काफी होती है मुझको ये बतलाने को,
खूबसूरत बहुत और नहीं कोई है, तुमसे तुलना करवाने को,
मैं देखूं बस तुमको ही देखूं, भूल जाता फिर पलक झपकाने को,
समझ न आता दिल नौसीखिया हो जाता, कहें क्या इस दीवाने को,
तुम रूठो बेवजह भी जो कितना तत्पर रहता फिर भी ये मनाने को,
कितना बुझाऊं, कितना समझाऊँ, बचा नहीं अब कुछ भी समझाने को,
कितनी दफा देख चुका मैं हरा हूँ, बचा नहीं अब कुछ भी अजमाने को,
दूर रहूँ मैं क्यूँ तुमसे जब बहाने रहे नहीं कोई अब खुदको ही सताने को,
तुम मेरी श्रद्धा तुम ही पूजा हो, तुम मेरी शांति तुम ही तो हो मेरी अर्धांगिनी,
मैं संग आऊं तुम्हारे संग ही जाऊँ तुम प्रीत, तुम ही तो हो मेरी प्रिय संगिनी...

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दूर से जो तुम मेरे अंदर अपना संदेश प्रवेश करते हो,
पर्वतों की ये हवा मेरी रूह के किवाड़ खोल जाती है,
मैं कहीं भी किसी अवस्था में होऊं, ये मुझे बताती है,
जब मेहसूस कर सुनता नहीं तो पल पल में सताती है,
सब शांत करके फिर मुझे आपके स्मरण से जगाती है,
पर्वतों के भोले महादेव, ये मुझे पावन कर जाती है....

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आओ इस शाम में खुले आसमां तले,
खुली इस संसार की छत पर चलें,
एक तरफ तुम खड़ी हो,
एक तरफ़ कोई और है,
सामने पर्वतों पर नंदा महादेव हैं,
एक तरफ़ से मैं भी यहीं,
अब कोई बंदिशे नहीं कहीं,
हवा एक सी प्राण एक से,
खुला हुआ हो जेसे सब कुछ,
नजरें खुली सी भाव बंधनहीन,
मेरा जो मैं मेहसूस करता,
ये हवा साँस को अंदर भरता,
तुम्हें कहीं पाता खुद के एक अंश में,
वो मुस्कुराते महादेव सामने,
जेसे बने हंसिनी तुम और हँस मैं,
एक जेसी स्वच्छ सुंदर ये हवा,
जो बहे इन पर्वतों से यहां,
ये कौन बनाता ये कौन बहाता,
जो बेठा प्रकृति रचाता, सृष्टि बनाता,
वो ही तो है जो जोड़ हमें खुद चलाता,
वो एक ही तो है सर्वोच पर भोले महादेव,
देवादी देव, हर हर महादेव 💚 🤟 ❣️ 🙏

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Where are you? Ooo myeri dear 🤔
Dekhyendi ni , kabhi ta come here 😊
Kya pyeli tu, bal chai 🍵 ki bear 🍻😅
Ke dhar chhe gyi?, photo ta kar share 😍
Thand cha bhari bher,you take care 🤗
Yakuli che ta kya? , dance kar bhitar 😂
Celebrate your day, happy new year ☺️👍

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दाना सियाणों तें, फूकी काया वालों तें,
डाम डाल्याँ झीकुड़ी घाम लगायीं माया,
स्वर्ग सी आंछरी लबरा, फुर्कीं, सिल्की,
विभिन्न प्रकार से क्रीम पोड्रा लिपनी बांद,
और उनरा वीर बड़ा देवदास बन्या दीवानों तें,
Happy New year 2023 🤗 💚 😂
बाकी के सभी शेष बचे हुई जानता आपको भी,
नववर्ष मंगलमय और शुभकामनाएं बहुत ढेर भर,
सारी सारी जेसे ग्‍यौं धान की आपको,
वेसे ही हरी खुशियों भरी दुनिया हो आपकी,
आपको मिले नए नए मुकाम हासिल,
छोड़ देना पुराने भार, गम शिकायतें नफरतें,
नयी शुरुआत आपके लिए खुद आप करें,
Happy New year all my friends 😊
Welcome in 2023,
I wish, it's just yours,
happiness, success, G.O.A.T💚🤗

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