सच्चे और अच्छे अपनों और दोस्तों की तो यहीं निशानी होती हैं
जब हर कोई साथ और हाथ छोड़ देता है फकत तभी तो शुरू उनकी कहानी होती है-
एक कच्चे कलमकार की छोटी सी इल्तज़ा है - आप सबसे ,
जब भी कोई आपको फॉलो करें,
चाहे वे बड़े लिखक/कवि हो या
हमारे जैसे " छोटे-कच्चे-कलमकार"
आप फॉलो बैक ज़रूर दें ।।
हौसला अफ़ज़ाई ज़रूर करें ।।
ताकि मार्गदर्शन के साथ साथ
प्रयास और बेहतर हो.. और हिम्मत न टूटे
सबका साथ यूँही बना रहा तो
आप सबकी मोहब्बत से उन अनकहे-अनसुने
ज़ज़्बातों को आवाज़ और उन अल्फ़ाज़ों को
मुक्कमलें-मुकाम मिल सकेगा ।। शुक्रिया !!-
इस दुनिया में हर चीज़ की चुकी एक सीमा होती है,
नहीं तो हम भी मांग लेते असीमित दुआ सारे जहाँ के लिए,
और अच्छी लगती है सारी बातें एक हद के भीतर ही
अन्यथा लफ्ज़ भी कम पड़ जाते हौसला अफ़जाई के लिए!!!-
फिसलते गिरते देख संभालने वाले नहीं मिलते
रोते देख आंसू पोछकर हंसानेवाले नहीं मिलते
आगे जाते देख पीछे खींचनेवाले ही मिलते
हमें खुशहाल देख जलनेवाले ही मिलते
खुद ही की हौसला-अफजाई करें
खुद ही पर हमेशा यक़ीन करें
ज़िंदगी का हमसफ़र बनें
खुद ही अपना हमदम बनें
यूं ही बस चलतें रहें
मंज़िल की ओर बढते रहें
-
दोस्तों को हौसला अफ़ज़ाई के लिए बुलाया था
वो मुझमे कमियां गिना के चले गए
-
✨✍️✨ दुखी है मेरा लेखक मित्र (शब्दों के अर्थ CAPTION में पढे़ं)✨✍️✨
जब ख्वाहिशें हैं बनने की राजा या वजीर,
तो क्यों हो बेवजह किसी वक्त के मुन्तज़िर।✨
इज़्तिरार है कि सफ़र में ऊँचाइयों तक जाना है।
अफसानानिगार बन तुम्हें लिखना अफ़साना है।✨
हौसला रखो अब फासला ज्य़ादा भी नहीं है।
कुछ लिखोगे या लिखने का इरादा ही नहीं है।✨
जब बेहतर लिखते थे तो बदतर अब न लिखो।
समय लगे तो कोई बात नहीं, ज़रा सीखो।✨
इस ज़माने में आब-ए-चश्म ज्य़ादा मायने नहीं रखते।
मतलबी हैं कुछ लोग अपनों के लिए पर नहीं दिखते।✨
पलकों पर बिठा कर खिलाने वाले भी मुकर जाते हैं।
जिसने जन्म दिया और हंँसाया, अब उन्हें ही रुलाते हैं।✨
लिखते रहो, इम्तिहान होते रहेंगे, इश्तिहार भी मिलेगी।
इंतजार खत्म तब इब्तिसाम से चेहरे पर पुष्प खिलेगी।✨-
कल मेरा बोर्ड का पहला पेपर है
हां, मेरा...
जो क्या हुआ
मैं अपने बच्चे के साथ एग्जाम हाल में नहीं जा सकती
मैं रहूंगी तो वहीं,उसके साथ हर पल मन से...
उसका हौसला बन कर खड़ी रहूंगी मैं वहीं
बस उससे कुछ कदम दूर
क्योंकि आगे का सफर उसे खुद ही तय करना है
साहस से हिम्मत से हौसले बुलंद रख कर
छूना है आसमां बुलंदियों का
चमकना है सूरज की तरह
तप कर निखरना है ,अपने दम पर
जो क्या हुआ मैं नहीं हूं उसके साथ
मैं रहूंगी वहीं, उसके साथ हर पल मन से...
अक्स
-
अपने हौसले को ना बताओ कि
तुम्हारी समस्या कितनी बड़ी है
अपितु समस्या को बताओ कि
आपका हौसला कितना बड़ा है-