कहकहे कहते रहे
अल्फ़ज गुम ही रहे,
कुछ सुलगती टीस से,
लफ़्ज खामोश ही रहे,
लिपटाकर हंसी लबों पे
हम मौन थे, मौन ही रहे,
सबकुछ तो पा लिया तुमने,
हम तुमसे दूर ही रहे 💕
#अक़्स ( अल्का शर्मा )
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कि रुह बन गये हो तुम मेरी,
अब और क्या मांगू.....!!... read more
हर रोज इक कोशिश करती हूं,
टूटे सरकंडों से इसे जोड़ने की ....!
पर ये जिंदगी है जनाब, कोई खेल नहीं बच्चों का.......!!
#अक़्स ( अल्का शर्मा )-
मुंसिफ़ बन बैठा जमाना सब,हमें मुज़रिम साबित करने को,
उफ्फ्............!!!
ये इश्क़ में क्या गुनाह है, इक मुलाकात फ़कत.......!!
#अक़्स ( अल्का शर्मा )
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कभी जिंदगी जीना,
तैं कभी मरना भी है दुनियां,
देखो..............
जिंदगी को देखना है तो,
मेरे नजरिये से देखो.....
सितारों को जमीं पर,
फूलों को आसमां में देखो....
#अक़्स
पूरी रचना अनुशीर्षक में
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सबसे अलग है बहन मेरी ,सबसे प्यारी है बहन मेरी....
कौन कहता है खुशियां ही सब कुछ है जहां में....
मेरे लिए तो खुशियों से भी अनमोल है बहन मेरी....
#अक़्स
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है कोई जो मिटा दे निशां,
मेरी नाकामियों के,
इक उम्र गुजर गयी,
यूं ही सहते थपेड़े मुश्किलों के......
#अक़्स
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ये रात आई है,
चांद सितारों से सजी बारात लाई है,
जो मिल न सके हम सदियों से तो क्या....
दर को तेरे छूकर,
तिरी सलामती का पैगाम लाई है.....❤️
#अक़्स-
देखा तो
जिंदगी से सामना हो गया...
भुला बैठे थे जिसे गफलत में,
आईना हो गया......
हां, रूबरू हुए खुद से,
इक ज़माना हो गया,
जिंदगी से छिपकर देखा तो
अक्स' अफसाना हो गया.....
#अक़्स-