QUOTES ON #हुक्का

#हुक्का quotes

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6 SEP 2018 AT 0:55

जो हर सांस में राख अंदर खींचता हूँ,
इश्क़ मेरा चुके हुक्के सा हो चला है।

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20 DEC 2017 AT 15:24

वो रहना चाहते थे बन कर दारू की लत,

पर लोगों ने हुक्के के कोयले की तरह बदला,
और कुछ ने सिगरेट के धुंए की तरह छोड़ा ।।

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14 DEC 2017 AT 4:02

सिरफ ठाणे को हुक्को पानी देने वास्ते न आई सै जा धरती पे
अपने देश का नाम रौशन कर
कुछ अलग करण वास्ते आई सै।।

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16 JUN 2020 AT 13:00

कुछ दिनों पहले तक जो मुझे आप आप कहते थे।
कईं दफ़ा तो माई-बाप कहते थे।
अब वो मुझी को तू तडा़ग कहते है।
सीख कर मुझी से खुद को मेरा उस्ताज कहते है।
करते थे तारिफे जो कभी मेरी हैसियतो की वो क्या है मेरी औकात कहते हैं।
भरा करते थे पानी जो मेरे हुक्के का कभीं
आज वो मेरे हुक्के पानी बंद करने की बात कहते हैं।

हुक्का पानी

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13 DEC 2020 AT 19:53

मक्का नू ना देख छोरी डर जावेगी,
अरे जाट की बॉडी देख के मर जावेगी,
मूछ पे हाथ - बारने आगगे खाट रहवे,
अरे एक खाट पे बाबा एक पे पोता रहवे,
बीच में आग ते भरी चिलम का होक्का रहवे,
कुर्ता धोत्ती तो आन से और पैरों में जुत्ती सान से,
(धामा आशीष)

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18 SEP 2021 AT 22:31

भटक जाते हैं
जिनका मंज़िल से कोई राब्ता नहीं होता

मसरूफ़ हैं छल्ले बनाने में
वो जान लें धुंए का कोई रास्ता नहीं होता

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21 NOV 2017 AT 19:53





हुक्का ए गुड़गुड़ाहट का सबब , हमसे न पूछिये...
अजी ! वो हुस्न देखिए , अजी ! वो इश्क़ देखिये......।।


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10 MAR 2019 AT 18:19

एक कहावत स्
जाट की यारी अर् नौकरी सरकारी
किस्मत आला न् मिले्या कर्

जाट कौण स् ,
जाट वो स् जो शाम न् हुक्का का धुआँ ठाया कर्
जाट वो स् जो ठहाके मार क् हँसाया कर
जाट वो स् जो यारी खातर जान दे जाया कर्
अर् जाट वो स् जो अड़ी पर आक् लठ्ठ भी बजाया कर्
दिल के माड़े ना है, चौधर करन् की आदत माड़ी स्
शौंक भी घणे माड़े ना, असला् ते तो बस पहचान दिखाणी स्

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25 DEC 2017 AT 12:12

"कैद हैं देवता वहाँ"
हवेलियों में गुज़रा ज़माना दफ़न है!
हथेलियों पर लकीरों की उलझन है!
समझ से परे-कैसी अज़ब-सी घुटन है!
बंद दरीचों में थकी साँसों की टूटन है!

कैद हैं देवता- जर्जरित हवेलियों के मंदिर में!
दरख़्तों की जकड़न है जिनकी तक़दीर में!
बहलाते हैं दिल को परंपरा की मीठी कसक से!
अहसास सराबोर है इतिहास की महक से!

हवेलियों को बाहर के कोलाहल से सरोकार नहीं!
खांसती साँसें,सहमी आवाज को क्या कुछ दरकार नहीं?

गूंजती है हवेलियों में हुक्के की गुड़गुड़ाहट!
धीमे-धीमे सुनती है ज़िंदगी-रेंगते वक़्त की आहट..!
----राजीव नयन

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25 FEB 2019 AT 23:05

पाकिस्तानीयो!!!!!!
टमाटर खा रा हू टमाटर
पानी मे धो धो कर😂😂😂

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