कुछ नही बदला बस अब तुम अपनी नहीं लगती
कभी हुईं थी मोहब्बत तुमसे वो शख्स नही लगती।
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Ankit Dewangan
(༄अद्वित ᭄य अंकित࿐)
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ना मैं जजबात लिखता हूँ और ना ही अल्फाज़
मेरे मन में जो आता हैं मैं वही लिखता हूँ।
I do not ... read more
मेरे मन में जो आता हैं मैं वही लिखता हूँ।
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Joined 3 November 2017
11 OCT 2021 AT 22:15
19 SEP 2021 AT 22:18
अक्सर हमसे ये गलती हो जाती हैं!
जीवन भर की आमदनी,
चार दिन की चांदनी हो जाती हैं।
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6 SEP 2021 AT 2:31
आओगे जाओगे अपनी मर्जी के मालिक थे
ताउम्र चाहता था पर तुम तो अल्पकालिक थे-
13 JUN 2021 AT 12:40
बस समेटने वाला चाहिए
प्रेम मौजूद हैं इन हवाओं में
बस हवा में घुलने वाला चाहिए-
17 MAY 2021 AT 23:15
तूने जो दी उससे हिचकिचाहट कैसी
क्या तुझसे बैर और क्या लोगो से
शायद हाथ की लकीरें हैं ही ऐसी
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16 APR 2021 AT 15:04
जानते भी हो किस मोड़ पर खड़ा हु मैं
तुमसे बिछड़ कितना रोया हूं मैं
खुशियों के दिन भूल गया और हसी मुझे याद नहीं
शायद यही तेरी मोहब्बत जिसमे कई रातों मैं सोया नही
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