तू, तू तो रहा
मैं खुद ही से गया
अफसाने पहले ऐसे तो न थे
वक्त वक्त की बात है,
ज़माने पहले ऐसे तो न थे
ठहाके लगते है गली नुक्कड़ो पर
बेगाने पहले ऐसे तो न थे
और इश्क़ में मरने की बात करते हों
दीवाने पहले ऐसे तो न थे
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Nothing special 😉😉
Happy... read more
तेरा छोड़ जाना, जिदंगीभर के लिए सीख है
तेरे दीवाने की हालत बिन तेरे भी ठीक है-
काफ़ी अरसे बाद खुद से पुछा क्या हाल है
आवाज़ आई,
"तन्हां हूं तन्हां रहना चाहता हूं ,
तुम से एक बात कहना चाहता हूं"
पुछा क्या ,बोला
"गलती तु करें ,रोना मैं रोऊं मुझे मंजूर नहीं,
अपनो का अपनापन अपने तक रख,
मैं अब सब को पराया कहना चाहता हूं"
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बातें मिठ्ठी ,सिरत से करेला है,
सब होकर भी रहता अकेला है।
बच जाओ उसके प्यार के झरोखें से,
टुट जाओगी उसके दिए धोखे से।।
जहर है, हल्के से हलक तक जाएगा,
ड्रग्स की तरह लत बन खाएगा।
सुना है,शायरी का शौंक रखता है,
ग़ज़ल बना हर महफ़िल में सुनाएगा।।
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इश्क़ की मिठ्ठी झील से,
हिर्स का गहरा दरिया बने बैठे हैं।
एहसास कर दफ़न मंजार-ए-इश्क़ में,
वासना मिटाने का जरिया बने बैठे हैं।।-
अहम है ,की क्या अहम है,
अहम है भी ,या बस वहम है!
एतबार-ओ-इज़हार ,फिर कत्ल-ए-प्यार ,
पत्थर दिल में जरा भी ना रहम है!!-
वहम है, वहम में रहने दो
बातें उन जैसी, हु-ब-हु ना करो
सब खबर है,दिल को मगर
सच से तुम,रूबरू ना करो-
नर्मी बातों में, गर्मी ख्यालों में रखा कर
बेशर्मी रातों में, शर्म सवालों में रखा कर
क्या वफ़ा वफ़ा की बात करते हो जनाब
ये बेवफाई का दौर है, वफ़ा बस वादों में रखा कर-
के्...सुन गर्मी बहुत है,तेरे शहर में
मुझे याद आता है, ठंडा आंगन नीम की छांव का
की बात बस इतनी सी है ,रास नहीं आया मुझे ही
शहर की ए.सी. से ज्यादा शीतल है, पंखा मेरे गांव का-
दर्द दर्द दर्द हर घड़ी क्यूं चिल्लाते हों
बेवफ़ाई उनकी क्यूं याद कराते हों
मर तों गया था वो, अरसे पहले
लाश का क्या अब हाल पुछने आते हो.....-