आज इतने पुराने कपड़े भी मत पहनना कि कोई
रंग लगाने की जगह रोटी दे जाए।😜🤣🙈-
मेरा तुमसे कहना I love you
और न चाहना वापसी में कोई जवाब,
मेरे द्वारा प्रेम में स्वयं को दी गई स्वतंत्रता है ।-
आली चैतन्याची स्वारी,
घेऊनी नवी भरारी..
नेसूनी हिरवा चुडा,
गुडी उभी आपल्या दारी..
🚩🚩🚩गुढीपाडवा व हिंदु नववर्षाच्या हार्दिक शुभेच्छा🚩🚩🚩
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पसीने की स्याही से जो लिखते हैं इरादें को,
उसके किस्मत के सफ़ेद पन्ने कभी कोरे नही होते।-
बढ़ता देख तुझे वर्ष प्रतिवर्ष।
आँखों में आशीष, हृदय में हर्ष।
तेरे स्नेह में हुई दुनिया दीवानी।
श्रेय मिले किसको, लंबी कहानी।
यौरकोट, तेरा ये जन्मदिन।
कैसे मनाएँ हम प्रेम के बिन?
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नीरव रात्रि के
म्लान मुख पर
खिल उठे
शुक्लपक्षी सौम्यता में
दुग्धवर्णी पुष्प सम
मयंक मधुवर,
आरती के थाल में
सज गई
कोटि आलोकित
स्वर्णिम तारिकाऐं
दीप्ति पुंज बनकर।
दशदिशाओं में अति व्याप्त
मौन का भ्रम टूटना
विस्मय नहीं
चंद्र किरणें लिख रहीं
मधुयामिनी निमित्त
राग अभिलषित
प्रेम पत्र!!
प्रीति
३६५ :75
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✍️"वर्ष हुए गाँव देखे..."
वर्ष हुए जो मैंने अब गाँव देखा तो लगा मेरे
आखों में जैसे रौनक ले आई दियासलाई!
तनिक परिवर्तन दिखे कुछ गलियों में बाहर
जो हमें खूब भायी, हाँ, अत्यंत पसंद आई।
जमाते हुए नज़र उस गली पर सुबह से
आँखें गड़ाए तभी तो मैं गमगीन बैठा था।
गुज़र जो रहे थे मेरे सुख के पल क्या कहें
वो सुंदर बिल्कुल अब भी पहले जैसा था।-
सींच कर अपने अन्दर के गमों को 'जानां'
मुझे इक रोज गमों का पेड़ हो जाना है !-
न वर्ष नया, न हर्ष नया
न जीवन में कोई स्पर्श नया।
न पहले जैसी दृष्टि है
लगता क्यों तेरा दर्श नया।
बेमन से मौन क्यों लादा है
न करने को कोई विमर्श नया?
थम सी गयी है क्यों ये कथा
आ जोड़ जा कोई उत्कर्ष नया।-