गुड़ चीनी शक्कर ने कई लोगो का हाल बिगाड़ा है।
किसी का दाँत दर्द तो किसी को डायबिटीज ने मारा है।
लग के फिर लाइनों में सारी उम्र दवाइयों को खाया है।
परहेज आज ही कर लो नही तो सारी उम्र बेस्वाद होना है।
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स्वच्छता की बात जब-जब जेहन में आती है
होती है उत्सुकता फिर मुरझा सी जाती है
कैसी सफाई कैसी स्वच्छता समझ नहीं आती है ?
जब मन ही मैला हो तो स्वच्छता फीकी पड़ जाती है
कहीं थोड़े कहीं ज्यादा मिले ये विचारों के अपाहिज
हर जगह मिले मगर ये करते हुए आजमाइश
बापू का नारा था स्वच्छ हो ये धरा हमारा
कैसे कर पाउँगा पूरा बापू आप ही बताओ ना ?
धरा तो स्वच्छ हो जायेगा
मन को स्वच्छ कैसे कर पाउँगा ?
होगी स्वच्छ पूरी धरा बस मन की स्वच्छता जरुरी है
जब तक मन स्वच्छ नहीं हुआ स्वच्छता अधूरी है...!!
Date:- 2 अक्टूबर 2017©©-
परिंदे सोच में हैं सड़को पर क्यूँ सन्नाटा छाया है..
कैसे सारी नदियों में अब स्वच्छ पानी आया है..
हर जगह भीड़ होती थी हर जगह शोर होता था..
पर शांत-शांत है सब कुछ ये कैसा मौसम आया है..-
एक हैं हम कह देने से आशय स्पष्ट नहीं होगा
चंद लोगों के चाहने से तो भारत स्वच्छ नहीं होगा
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ना किसी से ईर्ष्या है, नहीं किसी से द्वेष
मलिन न होता मन कभी, स्वच्छ यदि परिवेश-
उसी तरह जरूरी है
जिस तरह तन को साफ रखना
मन से नफरत,घृणा, द्वेष निकाल फेकना
मन को निश्च्छल और स्वच्छ रखना
मन में सबके लिए प्रेम रखना
जिसे आ जाए उससे खूबसूरत इंसान कोई नहीं
मन का मैल मिटाकर सबको
गले लगाए उससे महान कोई नहीं-
हमारा मन हमेशा दूध की तरह स्वच्छ रहना चाहिए,
पानी की तरह नहीं,दूध में जितना भी पानी मिलाओ उसका रंग नहीं बदलता किन्तु पानी में दो बूंद भी दूध डालने पर पानी का रंग बदल जाता है।चाहे कुछ भी बदले पर हमें खुद को और अपने मन को नहीं बदलना चाहिए।मन को सदा स्वच्छ और साफ रखना चाहिए दूध की तरह।हम जैसे हैं वैसे ही रहना चाहिए हमेशा।
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छवि ना देखूँ मैं दर्पण में
छवि मैं देखूँ स्वच्छ जल में
ना टूटे ना बिखरे यह दर्पण
बस थोड़ा सा झुकना होता
अपने अहं को छोड़ना होता
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मोदिजी ने तो स्वच्छ भारत अभियान सिर्फ भारत मे चलाया था ,
पर भगवान भी कहॉ पीछे रहने वालो मे से था उसने
पूरी धरती पे से कचरा साफ कर डाला ।
मिशन कम्पलीट
स्वच्छ रहे - स्वस्थ रहे
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