बहुत ही ख़ास हो तुम मेरे लिए
नादान दिल की
हर आवाज़ हो तुम मेरे लिए
जैसे नक्श तराशी हो किसी शौकिया हथेलियों ने
वैसी सुंदर लेखन की पयाम
एक खूबसूरत तस्वीर हो तुम मेरे लिए-
किसी के रूप से नहीं
सुंदरता मन से होतीं है
किसी के जिस्म से नहीं
सुंदरता बेहद होती है
किसी के बेखुदी से नहीं
सुंदरता दिल से होती है-
गुरुर तो ताज का भी टूटा होगा
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दिमाग से तो सिर्फ खेल खेला जाता है
एक दिल ही तो है जिस के सामने
दुश्मन भी हार जाता है.....-
ना किसी से कोई शिकवा,गिला मुझकों।
खुदा से भी नही माँगा कभी खुद को।।
मेरे खूबसूरती, में भी एक दाग है यारा।
उस दाग का है कितना अफ़सोस मुझको।।-
गहराई में आकर तो हर नदी साँवली हो जाती है,
इक तुम हो जो गौरी चमड़ी को ही सुंदर कहते हो।-
चेहरा दिखाये तन की सुन्दरता को,
मन की सुन्दरता दिखाते हैं हमारे विचार ।
तन की सुन्दरता वक्त के साथ ढलती जाती हैं,
मन की सुन्दरता लाती है वक्त के साथ,
हमारे व्यक्तित्व मे और भी निखार।
तन की सुन्दरता कुछ दिन याद रखी जाती हैं,
जीवन भर याद रहता हैं सुन्दर व्यवहार ।
एक माँ बच्चे को दुनिया में लाने के लिए
त्याग देती है तन की सुन्दरता को,
फिर भी दुनिया में माँ से सुन्दर,
कोई नहीं होता है दुनिया मे मेरे यार ।
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तो मोहब्बत चेहरे से क्यों होती है??
लोग तो चेहरे पर मरते है
प्यार भी चेहरे से ही करते हैं
एक बार मान भी लेते हैं
सुंदरता दिल से होती हैं
तो सबके लबों पर हुस्न कि
ही तारीफ क्यों होती है??
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