राखी महज एक डोर नही,छिपा हैं इसमें बहन का प्यार,
इसका एक एक धागा देता हैं भाई बहन के रिश्ते को आधार।
देती हैं बहन जब भाई के हाथ में श्रीफल,
यहीं कामना होतीं हैं उसके मन में,भाई के जीवन में सुख समृद्धि रहें हरपल।
लगातीं हैं जब बहन भाई को अक्षत और कुमकुम का टीका,
यहीं दुआ करती हैं कभी न हो भाई की मुस्कान का रंग फीका,
भाई को मिष्ठान खिलाते वक्त आता हैं बहन के मन में यहीं विचार,
यहीं दुआ करतीं हैं बहन यूँ ही बना रहें दोनों का प्यार।
जब प्रेम और विश्वास के धागे से सजाती हैं भाई की कलाई,
दोनों की आँखो का अपनापन बयाँ करता हैं भाई बहन के रिश्ते की गहराई।
आरती घुमाकर देतीं हैं जब बहन भाई को अपना आशीष,
यहीं इच्छा होतीं हैं उसकी,जीवन मे हमेशा ऊँचा रहें भाई का शीश।
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सही कहतें हो तुम कि,
अपनें सपनों पर अपना समय निवेश करके,
अपने सपनो को हकीकत का आकार दो,
जीवन में अतीत का कैदी बनने से अच्छा हैं,
अपनें खूबसूरत भविष्य के शिल्पकार बनों।
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सुख की चाहत में भाईयों के बीच खडी कर दी दीवारें,
मगर जब इन दीवारों ने दूर कर दी जीवन से सारी सुख की बहारे।
तब उन्हें अहसास हुआ,
सुख के पहले अक्षर का मतलब (स)= साथ होता हैं।
और दुःख के पहले अक्षर का मतलब (द)= दूरी होता हैं
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लिखना तों चाहतें हैं मगर लिख नहीं रहें
क्योंकि माँ कहतीं हैं,
आप जो भी लिखना चाहते हैं,
पहले उसे अपनें जीवन में उतारिये,
फिर आप जो भी लिखेगे,वो महज शब्द नहीं होंगे,
वो सत्य से युक्त आपके दिल के अहसास होंगे।
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विवाह के पश्चात जब नवयुगल माँ का आशीर्वाद लेने पहुंचे,
तब माँ ने उनसे कहा
एक-दूसरे की खुशी,जरूरत या परिस्थितियों को समझते हुए स्वयं में बदलाव लाना सामंजस्य है,
यदि यह प्रयास दोनों तरफ से हो रिश्ता वक्त के साथ और भी गहरा होता जाता हैं।
लेकिन अपनें अहम्,स्वार्थ या इच्छाओ के लिए दूसरें को बदलने की कोशिश करना दिलों में दूरियां हीं लाता हैं,
क्योंकि शर्तें रिश्ते को महज एक समझौता बना देतीं हैं।
अब आप दोनों को एक-दूसरे के साथ अपना जीवन जीना हैं या सिर्फ बिताना यह आप दोनों को तय करना है।
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कर लेता हूँ जिससे मैं अपनें दिल की हर बात वो आप हो,
बाँटा लेता हूँ जिससे अपना दर्द और खुशी भी वो आप हो।
करता हैं जो मुझ पर खुद से ज्यादा विश्वास वो आप हैं,
सिर्फ सलाह हीं नहीं देता हैं जो हर मुश्किल मे मेरा साथ वो आप हो।
मिल जाता हैं जिसके पास मुझें अपने हर सवाल का जवाब वो आप हो,
सच कहूँ तों मेरे जीवन की सबसे प्यारी सौगात आप हो।
सच्चे दोस्त के साथ मेंरी प्यारी सी बहन भी हो आप,
जिसका साथ हर लम्हे को बना देता हैं खास वो आप हो।
कभी शब्दों की जरूरत नहीं पडती आपके सामने,
चेहरा देखकर जो समझ ले मेंरे अहसास वो आप हो।
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देता रहा जिनको आश्रय हमेशा पेड़,
आई आंधी तों उड गयें सारे पंछी,
उसका साथ छोड़ कर ,भूल कर अपनी यारी,
जिनको हमेशा नजरअंदाज करता रहा था वो,
कुछ भी कहने की जरूरत हीं नहीं पडीं उनकों,
उन जडो ने उसे संभालने में लगा दी अपनी ताकत सारी।
आंधी = बुरा वक्त
पंछी = मतलबी रिश्ते
जड =सच्चे साथी
पेड़ = मनुष्य-
जरूरी नहीं हर अहसास लफ्जों में हीं बयाँ हो,
कुछ अहसास दिल के निगाहों से भी बयाँ होंते हैं।
जो समझ ले यह अहसास,हमेशा संभाल के उन रिश्तों को,
बस यहीं सच्चे हमदर्द और साथी जिंदगी की राहों मे होते हैं।-
मिलते जायेंगे सारे सवालों के जवाब,
दूर होती जायेंगी उनसे सारी शिकायतें,
सिर्फ अपना थोडा वक्त देकर देखिये उन्हें,
चाहे जिंदगी हो,ईश्वर हो या फिर हो रिश्ते।
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