नारी सब कुछ बर्दाश्त कर लेगी,
पर अपने मायके की बुराई नहीं-
UK-THE UNTOLD STORY
🌼🌿🌺 "दर्द-ए-UPSC" 🌼🌿🌺
वो करती रही... बेसब्री से इंतज़ार मेरा,
मैं कठिन परिस्थितियों से लड़ता रहा..।
वो डोली में बैठ कर ससुराल चली गई,
और मैं किताबों को बैठकर पढ़ता रहा।-
बूशट पहिने
खाई के बीड़ा पान
पूरे रायपुर से अलग है
सैयां जी की शान
ससुराल गेंदा फूल-
अपनी हर खुशी को यहाँ, मैं तेरे ही नाम लिखता हूँ ।
यादों के किताबों में, बस तेरे अच्छे काम लिखता हूँ ।
ये सोचकर कि तू आज नही तो कल मान ही जाएगी ।
मैं तेरी माँ को अब से ही 'सासु माँ प्रणाम' लिखता हूँ ।-
बातों बातों में मेरे घर को
तुमने अपना ससुराल बताया था।
जाना क्या हुआ उन लम्हों का
जिनमें तुमने मुझे सिर्फ अपना बताया था।-
कुछ रिश्तों का बोझ है, कुछ संस्कारों का असर है।
इक अकेली बहू पर ससुराल के सारे तानें बेअसर है।-
कुछ रिश्ते ऐसे भी😊😊
💕ये रिश्ते हैं हमारे,ये रिश्ते हैं हमारे,,
हर शय से हम जीते बस इनसे हैं हारे!!💕
🙏पूरी रचना caption में पढें 🙏
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मेरे चाहने वाले भी कमाल का हुनर रखते है
रोज मिलते है पर मुझसे नज़रे चुराया करते हैं-
अब अपने घर के
साथ साथ,
ससुराल की इज़्ज़त का
बोझ भी
मेरे कंधों पर डाल दिया जाएगा,
जब बोलूँगी मुझे मेरे
ख्वाब पूरे करने है,
तो सही वक्त नही है अभी,
बोलकर मेरी बात को
टाल दिया जाएगा..!!
लड़की हूँ ना,
अपने माँ बाप के साथ साथ
अब मुझे उसके माँ बाप को भी
अपनाना होगा,
मानकर उनकी हर एक बात,
ना जाने रोज़ मुझे
अपने कितने ख्वाबों को
दफनाना होगा..!!
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माँ बोली बेटी से,बोल खफा क्यूँ है?
बेटी माँ से बोली,दूर क्यूँ कर रही हो माँ आँचल से तेरे
बेटी हूँ मै ,क्या ये मेरी खता है?
माँ तुने नाज़ो से पाला,पराई हो ये क्यूँ कह डाला?
माँ ने झट से कह डाला,बेटी के माँ-बाप पराये धन का रखवाला
सुन के माँ की बातों को बेटी ने भी कह डाला,
ससुरालवाले हो पराये घर की इस बात का देते हवाला
समाज ने न जाने ऐसी रीति-रिवाज क्यूँ बना डाला
जहाँ अनजाने रिश्ते ,अनजाने लोगों को ही कहते है
क्यूँ हर बेटी का रखवाला?
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