मृदु मंद समीर बहे अंगना
सुधि तन मन की बिसरी ललना
उमगे हिय प्रीत पुनीत अति
नैनन निज आस लिए सजना...
प्रीति
365:7-
वौराई अमिया की डारी
मंजरी फले हैं प्यारी प्यारी
गदराई नवयौवन न्यारी
पुष्प पल्लवित सुकुमारी
मनहर पवन मद भरी कुदारी
छिल रही अंग अंग म्हारी
स्वर्ण किरण वसुधा चटकारी
वासंती कवियत्री दुलारी
पुष्प समीर सुगंध से भारी
आलिंगन को बांह पसारी
उन्मुक्त फागुन मतवारी
गले लगा झूमी बलिहारी-
जब समीर बबीता को अपनी शायरी सुना रहा था और बबीता उसकी बातों पर ध्यान नहीं दे रही थी,.. तभी उनकी ऑफिस का ऑफिस बॉय आता है और समीर को कहता है कि - "समीर सर GM सर आपको अपनी कैबिन में बुला रहे हैं, समीर उसे कहता है ठीक है मैं आता हूँ।
समीर जल्दी से GM की कैबिन की तरफ जाता है और गेट नोक करता है - "Sir May I Come In?
GM किसी से फोन पर बात कर रहे थे और अंदर से इशारे में कहते हैं - Come Inside और जब समीर अंदर जाता है तो उसे हाथ से कुर्सी की तरफ़ इशारा करते हुए कहते है बैठो।
समीर मन ही मन सोचता है कि GM इतना शांत कैसे है और अपनी आदत अनुसार यूँ ही मन में..
" लगता है मेरी किस्मत को खुशियों की मिली सौगात है,
चुप है हमेशा दहाड़ने वाला, कुछ तो यक़ीनन बात है।।"
समीर के फोन पर बार बार मैसेज की टोन बज रही थी, शायद उसे....-
पहेलिकाव्य
🍁प्रशस्ति-पत्र🍁
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नील गगन का उड़ता पंक्षी
नीलू जिसका नाम
विचरण करे समीर हृदय में
हर सुख का जो धाम
लेखन पाठन अध्यापन संग
वैचारिक हैं काम
बांध रखा संसार कलम का
बन्धु करे सलाम
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"कौन है ये "समीर"?? यह भी इक उलझन सी है समीर,
अब कौन बताये ऊसे कि "एजाज" भी कभी हयात था।"
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समीर का फोन बार बार बज रहा था, पर वो GM के सामने देख नहीं सकता था.. वह यही सोच रहा था कि शायद बबीता उसे मैसेज़ कर रही है... पर...
GM की आवाज़ अचानक बात करते करते बहुत तेज़ हो गई और मानो ऐसा लग रहा था कि वो अब फोन के अंदर घुस कर ही सामने वाले को मारेगा.. कुछ देर में GM ने अपने फोन को ज़ोर से पटका और समीर से चिल्ला कर कहा - Smaeer! "Where is presentation?" Where is report? Why did you come late?
समीर कुछ बोल पाता, इतनी देर में GM का मोबाइल बजने लगा और उठाते ही चिल्ला कर कहने लगे जल्दी बोलो और वो बात करते करते अपनी कैबिन से बाहर चले गये .... समीर उनका वहीं इंतज़ार करने लगा और सोचने लगा आज वो रिजाइन की बात करके ही रहेगा
मन ही मन वो खुश भी हो रहा था और चिंतित भी था और ये सोच रहा था कि - -
"कैसे करूँगा मैं बात और कैसे मैं इनको समझाऊँगा,
क्या नौकरी करते करते है मैं एक रोज़ फ़ना हो जाऊँगा।। "
बहुत देर इंतज़ार करने के बाद, जब GM नहीं आए तो समीर ने सोचा, अपनी कैबिन में ही चल लेता हूँ और GM सर जब आएंगे दुबारा आ जाऊँगा, समीर जैसे ही वहां से उठता है तभी ...-
बहुत देर इंतज़ार करने के बाद जैसे ही समीर वहां से उठ कर जाने ही लगता है, तभी अचानक उसके GM अंदर आते है,, (अभी उनका गुस्सा थोड़ा कम लग रहा था)
उन्होनें आते ही सबसे पहले ये ही पूछा- "समीर तुम आज लेट क्यों आए?... समीर कुछ कह पाता इस से पहले ही उन्हे वो खरोच दिखती है और उनकी आवाज में थोड़ा अपनापन छलकने लगता है..वे बड़े प्यार से समीर से पूछते है कैसे लगी?
समीर उन्हें सुबह वाली पूरी घटना बताता है..
क्या हुआ..! कैसे हुआ..!! वो क्यों लेट हुआ.. सब..
GM कैशियर को फोन करता है और बोलता है Dr. खुराना का क्लिनिक दिन में कितने बजे तक खुला रहता है पता करो.. दिन के लगभग 12:50 हो चुके थे.. अगले 2 मिनटों में संजय (कैशियर) बताता है कि सर 1:30 बजे तक..
GM समीर से कहते है चलो और दोनों जाने लगते है..समीर उनकी गाड़ी में बैठ जाता है और मन ही मन सोचने लगता है..
"आज मौका भी है और ख़ुदा भी मुझपर मेहरबान लग रहा है,
अपने दिल की बात बता देता हूँ, फ़िर देखेंगे आगे का अंज़ाम क्या होगा!"
और फ़िर कुछ ही देर में....-
# 26-05-2022 # गुड मार्निंग # काव्य कुसुम #
# बहाव- # प्रतिदिन प्रातःकाल- 06 बजे #
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विपरीत परिस्थितियों में भी खिलखिलाते हुए रहना आना चाहिए।
प्रतिकूल परिस्थितियों में भी मंद - मंद समीर-सा बहना आना चाहिए।
प्रकृति के रौद्र रूप से बहाव के तीव्र प्रवाह में सब कुछ बह जाता है-
नकारात्मक परिस्थितियों में भी धैर्यपूर्वक परिवेश को सहना आना चाहिए।
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5. पंचतत्व का समीर है देह
कोशिकाओं की प्राण वायु
जीवन रस में घुला ऑक्सीजन है
श्वास उच्छ्वास की लय बन कर
संगीत है देह
आसमान और धरती के बीच व्याप्त
मंद गति से बहता समीर
कभी तार सप्तक में प्रचंड वेग से बहने को आतुर
उखड़ती साँस है
कभी विलम्बित लय में चलती
किसी साज की फटी भाती से
निकल जाने को तैयार
बिन आवाज का साज बन जाती है देह ....-
सुंदरता की मूरत
दिल से संग सूरत
हैं सबकी चहेती
है आंखें ये कहती
मीठी है इन बोली
सो पीछे है टोली
हैं गुणों की ये खान
पत्तों में ज्यों पान
नित ऊपर ये चढ़ती
गर्दन अब ये दुखती
फर्स्ट to थर्ड आती
बच्चों सा इठलाती
शुभ हो इन हर ज्योतिष
हो सोलह या बत्तीस
मुख ऐसे ही चमके
ख्याति भी संग दमके
उड़े संग संग समीर
जैसे मटर और पनीर
😊🙏❤️💐💐💐-