प्रेम,
जिसमें पड़कर जाने कितने,
पुरुष सन्यासी हो गए।
उनके इस ईश्वरीय प्रेम,
के लिये प्रंशसात्मक कथन
सब मंत्र कहलाये ,
जो हमेशा के लिये अमर हो गए।-
कुछ हम बदलेंगे ख़ुद को
कुछ संगति ही सुधार देगी।
बुरी फितरत ना छूट पाए
अच्छी आदत ही डाल देगी।
कुछ संगति ही सुधार देगी
अपनी बेईमानी की नियत
कुछ इमा से कुर्बान देगी
संगति ही सुधार देगी।
अच्छे संस्कारों से अपने
सबके दुर्गुण निकाल देगी
कुछ संगति ही सुधार देगी।-
घाट-घाट पर पानी पीकर
अंतिम में संन्यास लिया !
ब्रह्मचर्य के परम् विधा का
हमने सत्यानाश किया !-
स्कूलों की फीस जब ना हो पापा के बस की..
सन्यासी ना बनूं तो तू ही बता ऐ "मां"
फिर क्या करे मेरी जैसी..?
#नर्सरी फीस की वजह से ली सन्यास-
तारों को बिछाकर
सपने बैठे
चांद की आस लिए
जुगनुओं सा टिमटिमाता
जलता बुझता
सन्यासी मन प्यास लिए
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🥉🍇🎀✍️"तपस्वियों की निष्ठा एवं लगन प्रेरणास्पद है"🎀✍️🍇🥉
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तन्हाईयों में वो दम कहाँ, जो साहस को तोड़ सके!
अन्तर्मन के आत्मविश्वास को वह जरा मरोड़ सके!
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इसे तो हम सबने तपस्वियों में बखूब दर्शन किया है!
कर्तव्यनिष्ठा में खुद का ही बेहतर उदाहरण दिया है।
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दिन बीते, महीने बीते, साल बीते पर साधना जारी रहा था।
भूख भय की चिंता छोड़ हर एक साधु सौ पे भारी रहा था।
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उनमें निष्ठा थी, लगन थी तो भीड़ का पता चलता नहीं था!
तन्हाई ने तपस्वियों का साथ दिया, दम निकलता नहीं था!
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वन की तन्हाईयों में स्वयम् की सुपुर्दगी क्या खूब रंग लाई थी!
जब तपस्वियों ने खुद में ही शक्तियों की मौजूदगी दिखाई थी!-
काल नहीं महाकाल हो तुम
देव नहीं महादेव हो तुम
तुहि हैं शंभू तुहि हैं शिव।
तुहि हैं शाश्वत तुहि आरम्भ तुहि अंत।
विष पीकर बन गए विषधर ,
विष को करके धारण कंठ में
आप कहलाए नीलकंठ ।
श्मशान में आप वास करो।
वहीं से विश्व कल्याण करो।
आप सभी से हाथ जोड़कर निवेदन हैं कृप्या करके अपने हमारे आराध्य देवी देवताओं को आपती जनक दिखाकर बदनाम ना करे।
सभी को आगामी शिवरात्रि की हार्दिक शुभकामनाएं 🙏
Dr-Ak-