Ritu Singh   (ऋतुराज सिंह)
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Joined 15 February 2019


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28 NOV 2024 AT 21:54

वो हैं अपनी ही दुनियां में व्यस्त
बात करें तो किससे करें
सूरज भी होने वाला है अब अस्त ।
दिल भी कितना इंतजार करे
आंखे भी राह देख कर होने लगी पस्त ।

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23 NOV 2024 AT 11:20

सबके गले मिल रहे थे वो हंस हंस कर
काश हमसे भी मिल लेते एकबार लिपटकर...

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16 NOV 2024 AT 18:15

उनकी उम्मीद पर
मुझे भी है उम्मीद
पर उम्मीदों का क्या ...
ठेस लगी और टूट गए ...

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2 SEP 2024 AT 13:23

उसने बात की,
मैंने बात की
एक हीं बात है
पर बात कब की ...

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14 OCT 2022 AT 23:00

हर विश्वास को एक आस होती है
और यहीं दिल पर आघात होती है।
विश्वास मुझे नहीं तो तुझे भी नहीं
गर हो तो छुपाने की जरूरत नहीं ।
समझदार समझते है वो स्यवं को
और मेरी समझदारी पर यकिन नहीं।

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25 APR 2022 AT 10:09

"सत्य का सामना कीजिए
पर सत्य से डरिए मत
जो सत्य है वो अटल है
जो अटल है वहीं सत्य है ।
झूठ तो पल दो पल है
पर सत्य हर पल हर क्षण है ।
अगर तुझमें एक सत्य है
तो मुझमें भी एक सत्य है ।
राम और कृष्ण सत्य है
कंस और रावण भी एक सत्य ही है ।
धरा, गगन, सूरज, चांद सत्य है
भूकम्प, बाढ़, पीड़ित भी सत्य है ।
सृजन अगर सत्य तो विध्वंस भी सत्य ।
प्रकृति सत्य तो प्रकोप भी सत्य !

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22 MAR 2022 AT 19:48

राधा का प्रेम पाने के बाद भी
गर कृष्ण का प्रेम परिपूर्ण न हो
तो वो प्रेम ही क्या, जो कृष्ण ने राधा से की।
किसी और की ओर क्षणिक आकर्षण भी
उस प्रेम को धूमिल करने के बराबर है ।
कान्हा को सब चाहें ऐसी कन्हा की इच्छा नहीं
कान्हा की वो गोपियों के संग छेड़-छाड़ थी ।
वो रास-लीला जो गोपियों को सहज स्वीकार थी
और राधा के कोमल ह्रदय पर असहनीय प्रहार थी ।

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9 MAR 2022 AT 21:06

मैनें तुझसे बेपनाह मुहब्बत की है
तेरी हर खता से भी वफ़ा की है ।
तू मान या ना मान नाराजगी में भी
तुझसे ही अपने दिल की हर बात की है।
तेरी गैर मौजूदगी को भी हर पल
मैनें अपनी साँसों में पनाह दी है।

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8 MAR 2022 AT 22:43

तेरी बातें सुन सुन कर तो
दिल ने धड़कना सिखा..

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7 MAR 2022 AT 9:55

तू कह दे एक बार
मैं चली जाऊंगी।
पर दिल के टुकड़े
ना कर हजार..
यूँ बार-बार
टूट टूट कर जुड़ना
जुड़कर रिश्तों का
मोलभाव करना
तू सही, मैं गलत
के तनाकसी में पड़ना
ना कर दिल के तार-तार
मैं चली जाऊँगी
तू कह दे बस एक बार..
-ऋतु सिंह

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