खोने से डरना भी उसका जायज़ था '
शादी की बात जो चल गई थी उसके ही दोस्त से !!-
इक आग जल रही थी ' दो जिस्मोँ के दरमियाँ '
उसने छुआ और ऐसे छुआ रोम रोम मेरा
जल उठा !!-
टपकते पसीने की हर बूँद
जज़्ब करलूँ मैं ख़ुद में '
मैं बस जाऊं तुझमें
या तू बसा ले मुझको
ख़ुद में ~°-
क्या समय था वो भी ,
जब 1₹ में दोनों हाथ भर कर
सामान ले आते थे :)
कभी कभी 1₹ में भी चवन्नी बचा लाते थे
खो गया जाने कहाँ वो समय प्यारा
90s वाले ही समझ सकते हैं
ना लौटेगा वो समय दोबारा !!-
मोहब्बत में सौदे हुआ नहीं करते :)🌻
सुन साहिब
तू मेरी रात के अँधेरे भी ले जा
तू मेरे दिन के उजाले भी ले जा
तू फ़क़त ख़ुदको मुझको दे जा
तू तेरा दिल तेरी ऑंखें रहें
तलब'गार मेरी सदा
मैं करती हूं तुझसे
आज ये सौदा ~°🌻
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हमारी मुलाक़ात महदूद है
इलेक्ट्रॉनिक डिब्बे तक '
और इलेक्ट्रॉनिक गजेट्स का
कोई भरोसा नहीं होता
कब धोखा दे जाएँ !!-
शाम होते ही तलब लगती है
चाय की और तेरे साथ की
हम अक्सर तेरे इंतेज़ार में
चाय ठंडी कर दिया करते हैं ~•-
आया है कौन ये , झूठों के शहर में '
बेचने आईने सच के
मक्कारों की बसती में नहीं चलते
सिक्के सच के >°-