नाजुक़ से जिस्म को तूने छुआ जो
अपने नाजुक़ लबों से कैसी हुई ये हलचल
जिस्म के हर अंग में '
दौड़ गया तू बनकर लहू जिस्म के हर अंग में
बे'लिबास हम दोनों दोनों रंगे इक दूजे के रंग में
मिटती नहीं ये प्यास अब तू ना हो जब तक संग में
नाजुक़ से जिस्म को तूने छुआ जो
अपने नाजुक़ लबों से कैसी हुई ये हलचल
जिस्म के हर अंग में ;-
B'day
Agar koi testi dena
Chahe to de sakta hai
😂😂
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मैं भी था किसी परी की तलाश में '
और मुझे तुम मिल गयीं
मुरझाई उम्मीदों पर हुई बारिश जैसे
हो गयी दुआ क़ुबूल मेरी मुझे तुम मिल गयीं..!!-
आज के दौर में भी ऐसी औलाद मौजूद है '
जिसको पसंद है माँ के आँचल में मुंह हाथ पोंछना ;-
कुछ लोग औलाद के सुःख से '
वँचित रह जाते हैं
बेटी हो या बेटा एक दो तो
होना चाहिए ;-
कितना देखूँ तुमको
जैसे हो तुम जादू कोई
ओंठो से उतरूँ , ठहर जाऊं गर्दन पर
गर्दन से नज़र हटाऊं ठहर जाऊं कांधो पर
बताओ ना क्यूँ हो तुम इतनी मदहोश
देख कर तुमको खो देता हूँ होश
कितना देखूँ तुमको
जैसे हो तुम जादू कोई-
तू क्या जाने तेरे ख़ातिर हम कितना रोये
जाने कितनी रातें रोते रोते हम सोये
तू आया नहीं जाने कितने ख़्वाब हमने संजोये ;-
ज़िंदा रहने दो या मार डालो '
मेरी ज़िन्दगी पे इख़्तियार तुम्हारा है
कभी हटती नहीं नज़र तुमपे से
रहता हर वक़्त इंतेज़ार तुम्हारा है ;-
सुनो '
मुझे तुमसे इतना ही प्रेम है
तुम समझो तो सही
जितना ये आकाश फैला है दूर तक
जितने ये तारे फैले हैं आकाश में दूर तक
अभी और सुनो
जितने ये फूल बिखरे हैं
धरती पर '
इतना ही प्रेम बिखरा है मेरे मन में
तुम्हारे लिये प्रिये!!-