छोटी-छोटी ख़ुशियाँ जोड़ो, उदासी से नाता अपना तुम तोड़ो।
मेहनत करो, अपनी क़िस्मत बनाओ, बेईमानी से न रिश्ता जोड़ो।
सच्चाई, अच्छाई और वफ़ादारी की मिसाल बनाकर के दिखाओ।
धन, लालच, क्षणभंगुर सफलता की चकाचौंध के पीछे मत दौड़ो।
और जो भी तुमसे गलती से अनजाने में कभी भी भूल हो गई हो।
अंदर के अच्छे इंसान को जगाओ, अपने पाप के घड़े को तोड़ो।
हाँ, ये सच है कि अन्याय का अंधेरा कुछ ज्यादा ही गहरा होता हैं।
पर तुम अपने न्याय के हाथ की रोशनी से उसके कर को मरोड़ो।
मेहनत की जब कमाते हो और ईमानदारी का खाते हो तो सुनो।
सुन! आज के बाद अपने तू हक़ का एक भी पैसा कभी मत छोड़ो।
आत्मविश्वास वो हथियार है जिससे व्यक्ति हर युद्ध जीत सकता है।
आत्मविश्वास पर विश्वास करो और लड़ो, चाहें सामने हो शत्रु करोड़ों।
जो आज है वहीं लोग तुम्हारे अपने है "अभि" भले कोई रिश्ता ना हो।
जो चला गया उसका अफ़सोस मत कर, उसे दरकिनार कर, छोड़ो।-
हमारे ऊपर किसी की संगति का
कोई विशेष प्रभाव नहीं पड़ता .......
बस जहाँ जाते है,
अपनी छाप छोड़कर आते है |-
बात हर बार परवरिश की नहीं होती है...
संगत हैवानों की हो गर, हैवानियत आ ही जाती है।।-
यूँ ही तो नहीं जनाब वक्त बेवक्त चले आते हैं
दिन रात अश़्कों की सोहबत में ये तो लाज़मी सा है!-
अच्छी संगति राखिए, व्यक्तिव निखार कर जाय।
कुसंगति हो जाये जीवन में, चरित्र नष्ट हो जाय।।
अक्षत कुमकुम संग मिले,मस्तक पर सज जाय।
अक्षत दाल संग मिले तो, खिचड़ी ही बन जाय।।-
गगन चढ़ई रज पवन प्रसंगा,
कीचहिं मिलइ नीच जल संगा।
हवा के संग धूल आकाश में उड़ती है और नीचे की ओर बहने वाले पानी से मिलकर कीचड़ हो जाती है,ये संगति का प्रभाव है।-
पानी मे कुछ भी मिलाने से उसमे उसके गुण आ जाते हैं,
ठीक उसी प्रकार एक इंसान जैसी संगति में होता है
उसमे उसके गुण आ जाते है।-
मरने के बाद भी ना छोड़ेंगे रिफ़ाक़त तेरी ....
यारा तुर्बत से भी करेंगे हिफाज़त तेरी ....
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संगति प्रभाव
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दुर्जन सज्जन होत हैं सुजन संगति पाय
ताल नीर गंगा में पड़ि कें गंगाजल ह्वै जाय-
शरीर के लिये खान पान
मन के लिये ध्यान
बुद्धि के लिये ज्ञान
आत्मा के लिये भगवान
अर्थात स्वयं की पहचान-