रूपा अनुछन्द   (रूपा अनुछन्द)
3.0k Followers · 120 Following

Instagram ID :- _a_shabhay_
Joined 13 January 2018


Instagram ID :- _a_shabhay_
Joined 13 January 2018

कविता लिखना,
मतलब गुजरे हुए
ग़मों के पल को
दुबारा बुनना।।

-



मुझे पसंद नहीं अब
अपनी तस्वीर
अपनी तकदीर
अपनी रेखाएं
अपनी आशाएं
अपनी हंसी
अपनी खुशी
अपनी आंखें
अपनी बातें
अपने गम
अपनी शब
यहां तक कि
अपनी कविता भी।।

-



चार दीवारें
तीन कीलें
दो खिड़कियां
एक दरवाजा;

दीवारों पर कुछ बातें
कीलों में टंगी कुछ तस्वीर
खिड़कियों से झांकती धूप
दरवाजे से दस्तक देती आवाज;

बातों में तुम्हारा जिक्र
तस्वीरों में तुम्हारा चेहरा
धूप से चमकती तुम्हारी तस्वीर
आवाज से गूंज उठता कमरा;

छत जैसी किताब के पन्नों पर
स्याही से लिखी
कुछ ऐसा ही होता है
प्रेमिका का घर।।

-



जाने किस किस बात पर रोना आता है,
अब तो अपने रोने पर भी रोना आता है।।

-



इस पल थोड़ा खुश हो लूं,
तो अगले पल में ही आंसू बहाती हूं।
ये जीवन मुझे कुछ भी उधार में नहीं देती,
मैं खुश होने की भी कीमत चुकाती हूं।

-



किसी के सामने
हम रो नहीं पाते हैं।
कोई हमें अपने सामने
रोने से मना कर देता है।
दूसरी पंक्ति
पहली पंक्ति से ज्यादा असहनीय है।

-



मुझे तुम-सा नहीं बनना;
चुपचाप सबकुछ नहीं सहना,
घुट-घुटकर नहीं जीना,
हां माँ, मुझे तुम-सा नहीं बनना;

सबको सर पर रखकर
खुद को खुद की ही पैरों तले दबा लेना;
औरों की खुशियों की खातिर
अपनी खुशियों को घर के
किसी कोने में टांग देना;
माँ, मुझे तुम-सा बिल्कुल भी नहीं बनना।।

-



which I need to breathe.

-



इस रूढ़िवादी समाज में
एक स्त्री का
अपनी कलाई से खुद
श्रृंगार की चुड़ियां
उतार कर
सिर्फ घड़ी पहनने का
मतलब यह है कि
उसने अपने लिए
रूढ़ियों को तोड़कर
संघर्ष को चुना है।।

-



वो
जिन्हें लगता है कि
वो सब कर लेंगे,
सब संभाल लेंगे...
हालात उन्हें
ऐसे जगह पर लाकर खड़ा कर देता है कि
वो ना कुछ कर पाते हैं
और ना ही संभाल पाते हैं।।

-


Fetching रूपा अनुछन्द Quotes