मैं शतरंज का मंझा हुआ एक खिलाड़ी,
मोहब्बत की जंग एक हसीना से हार आया हूँ..!-
8 SEP 2020 AT 12:40
28 FEB 2020 AT 14:34
चलो शतरंज खेलें
कभी मुश्किलें हमें मात दे
तो कभी हम मुश्किलों को मात दे-
23 JUL 2019 AT 19:47
चलो शतरंज खेलते हैं,
तुम मोहरों में उलझे रहो
और हम तुम्हें देखने में ...!-
3 SEP 2021 AT 0:37
ज़िंदगी शतरंज सी है, तुम अपना दांव रखो
मात हर कदम पे है, ज़रा संभल के पांव रखो
ये नसीहत बूढ़े होते हर उस शज़र को है मेरी
ऊंचा होने से बेहतर है, शाखों में अपनी छांव रखो-
5 FEB 2019 AT 9:44
न देखा एक दूजे को, न हुई मुलाकात है
एक ही शतरंज पे बिछी, दोनों की बिसात है
मैं कैद हूँ तुझमें, तू कैद है मुझमें
ये इश्क़ है या, कोई हवालात है-
10 DEC 2018 AT 2:59
रात शतरंज की बिसात बिछाती है
न जाने कितने पियादों की जान जाती है-
26 JUN 2020 AT 7:12
नज़र कोई नहीं आया चारो तरफ कोहरा था
राजनीति के खेल का ये चाल दोहरा था
कैसे कहूं अपनी बाजी थी और मै हार गया
मैं तो शतरंज के खेल का एक छोटा सा मोहरा था-
19 MAR 2017 AT 9:41
एक शतरंज की चाल आज ऐसी चली की रानी जान गवा बैठी राजा बचाते बचाते।
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