खुदिराम के सखा चाकी प्रफुल्ल की
बिसरी अमिट कहानी
(पूरी कविता कैप्शन में पढ़ें )-
जब तलक है सृष्टि यह
जयघोष तेरा गायेगी
उस तिमिर के आंधियों में
दीप बन कर तुम जले-
हा मैं बलिया का वासी हूँ,
देश बना है जिस मिट्टी से,
उसकी हिस्सेदारी हूँ,
भृगु और दरदर मुनि के गौरव का अधिकारी हूँ,
हा मैं बलिया का वासी हूँ,
वीर लोरिक,चित्तू और मंगल पांडेय की थाती हूँ,
जब लड़ू तो सब पर भारी हूँ,
काशी,अमरकांत और हजारी के कलमो का आभारी हूँ,
हा मैं बलिया का वासी हूँ,
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आया आया 15 अगस्त,
देश हुआ था इस दिन स्वस्थ ।
अंग्रेजों ने भारत छोड़ा,
गधा राज करता था घोड़ा ।
आओ हम त्यौहार मनाये,
लाल किले झंडा फहराये ।
जाकर स्कूल करें कार्यक्रम,
लड्डू खाकर ही भरता मन ।
शाम हुयी छत पर चढ़ जायें,
पापा के संग पतंग उड़ाये ।
रात को मम्मी खीर बनाती,
वीरों की गाथायें गाती ।
हम भी वीर महान बनेंगे,
देश का अपना नाम करेंगे ।।-
मैं लिखूँ तुम लिखो वीरगाथा
शाहिद हो रहे जो सीमाओं पे..
अपने सैनिकों की आत्म गाथा,
डटे रहे सीना ताने गोलियों की बौछार में
कैसा भी हो मौसम खड़े हैं तिरंगे की आन में,
सत सत नमन उनको जिनसे हम हैं सुरक्षित
जहां भी वो मिलें देना उनको सलामी निश्चित।।
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सोलह श्रृंगार और
हाथों में तलवार
भारत की बेटी थी
झाँसी की रानी थी
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वीरों के रक्त से लाल है भारतवर्ष की धरा,
रण में उन्होंने क्या अद्भुत कौशल दिखाए होंगे।
हँसकर न्योछावर कर दी जाने देश की खातिर,
जाह-ओ-जलाल क्या खूब ही छाए होंगे।
मिला होगा किसी को पिछले जन्म में किऐ पापों का हिसाब,
बाणों की शैय्या पे लेटकर कुछ पितामह भीष्म कहलाऐ होंगे।
के वीरों के रक्त से लाल है भारतवर्ष की धरा,
रण में उन्होंने क्या अद्भुत कौशल दिखाए होंगे।
कुछ योद्धाओं ने दिखाई होगी वीरता ऐसी,
के भगवान भी उन्हे देख गौरवान्वित होकर मुसकुराए होंगे।
गुरु द्रोणाचार्य के परम प्रिय शिष्य धनुर्धर,
अर्जुन ने बाण क्या खूब चलाए होंगे।
धर्म और सत्य की विजय होती देख,
सभी देवतागणो ने आकाश से फूल बरसाए होंगे।
वीरों के रक्त से लाल है भारतवर्ष की धरा,
रण में उन्होंने क्या अद्भुत कौशल दिखाए होंगे।
©️Pavid_Poet
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जिस पर वीर शहीद चला जाता है,
छोड़े अपने देश को,
वो दूर कहीं चला जाता है!
उसके अधरों पर ये गीत धरा है़...
कि "आऊ फिर से इसी 'धरा' पे,
फौजी फिर से कहलाऊ"
कि कर्ज़ अभी कुछ बाकी है
कि फर्ज़ अभी कुछ बाकी है!!
मैं अगले जन्म फिर से आऊ
कि दुशमन अभी भी बागी हैं....-