दस साल डिलीट हुए हैं, मेरी जिंदगी के।
किसको दोष दूँ मैं, मुझे, मेरे कर्मों को, मेरे अपनों को या फिर भगवान को।-
Aug-2023 she visited to my profile, Sep-... read more
क्यूं हर बार तुम रूठ जाते हो,
रूठकर इन हाथों से छूट जाते हो।
किसी डाली की भांति टूट जाते हो,
किसी गिरे हुए वृक्ष की तरहं तुम सूख जाते हो।
न जाने, क्यूं हर बार तुम रूठ जाते हो।
रूठकर इन हाथों से छूट जाते हो।।-
जीवन को जीना पड़ता है,
प्याला जह़र का पीना पड़ता है।
हर हाल में रहना पड़ता है,
हर दर्द को सहना पड़ता है।
कोई नहीं रहता साथ हमेशा,
कोई नहीं कहता अच्छी बात हमेशा।
कभी मुँह को सीना पड़ता है,
जीवन को हाँ जीना पड़ता है।
जीवन को हाँ जीना पड़ता है।।-
ਸਬ ਯਾਦ ਏ ਮੈਨੂੰ ਅੱਜ ਵੀ,
ਤੇਰੀ ਤਾੰਗ ਏ ਮੈਨੂੰ ਅੱਜ ਵੀ।
ਤੂੰ ਆਵੇਂਗੀ ਨਾ ਦਸ ਖਾਂ,
ਤੇਰੀ ਦਿੱਤੀ ਕਸਮ ਕਰ ਰਹੀ ਬਰਬਾਦ ਏ ਮੈਨੂੰ ਅੱਜ ਵੀ।-
क्यों कोई बात नहीं करता चंद्रशेखर आज़ाद और भगत सिँह की चली आँधी की,
न जाने क्यों सभी देते हैं जंग-ए-आजादी में कुर्बानी मिसाल नेहरू और महात्मा गाँधी की।-
किसी एक का सहारा काफी है, तुम जी ऊठोगे।
सूरत से भली सीरत है, चुनना गौर से।
जिंदगीभर के लिए तुम खुश रहोगे।
के हर किसी के दिल में बस कर क्या करोगे।
किसी एक का सहारा काफी है, तुम जी ऊठोगे।
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के मैं बन गया कफन उसकी रूखसती का,
उसके चेहरे पर लिपटा रहा तजहीज़-ओ-तकफ़ीन तक।-
ना तो मन ठीक है और ना ही दिमाग,
ऐसा लगता है मानों कुछ पीछे छूट गया हो।
जो कभी लौटकर वापिस नहीं आऐगा और ना ही कहीं आगे मिल पाऐगा।
बस कुछ सिमटी हुई यादों का झरोंखा रह जाऐगा।
अब नहीं लगा पा रहा ये दिल कोई भी हिसाब,
क्यूंकि अब ना तो मन ठीक है और ना ही दिमाग।-
जो आज है यहाँ वो कल वहाँ होगा,
न जाने कौन कहाँ होगा।
Whoever is here today will be there tomorrow.
Who knows who will be where tomorrow.-
के बखत का तकाज़ा है, या फिर है कोई एतमाद।
ज़हमत कब जरूरत बन जाए मालूम नहीं जनाब।-