Poetic Prabhas   (~ prabhas)
338 Followers · 128 Following

read more
Joined 18 October 2017


read more
Joined 18 October 2017
14 JUL AT 8:23

निराशा से घिरा मन उदासी में ही रहना चाहे
पल- पल हर पल अंधकार में ही जीना चाहे
हो जाती है आदत खुद में ही अकेले रहने की
जिंदगी से ज्यादा मौत ही अपना सा लागे

-


27 FEB AT 23:44

आत्मा का परमात्मा से मिलान

जब आत्मा का परमात्मा से मिलन होगा.
खुशी से रोना चाहोगे तब भी न रो पाओगे,
हर्ष से प्रफुलित तुम हँस भी ना पाओगे,
चलने के लिए न ही मन होगा,

अलौकिक परम आनंद ही सर्वत्र होगा,
उछलने के लिए न ही तन होगा,
बस एक शून्य में विलय होगा तन विहीन आत्मा बस परमात्मा में विलीन होगी,
मनुष्य जन्म पाया है तो बस भक्ति कर बंधु,
जो ये हृदय पाया है तो बस उससे प्रेम कर बंधु

-


28 SEP 2024 AT 18:02

आज मैंने ज़िन्दगी को देखा
बड़े ही गौर से देखा
सुबह से शाम
शाम से सुबह तलक देखा
पाया बहुत खोया थोड़ा सा
उस खोये हुए को पाने के लिए
आज मैंने ज़िन्दगी को देखा
बड़े ही गौर से देखा

-


26 SEP 2024 AT 20:09

कच्ची मिट्टी को कहाँ पता था
की वो दीप बन विभा फैलाएगी
घनघोर तिमिर को भेद
श्री राम को इक दिन राह दिखाएगी . .

-


24 SEP 2024 AT 22:51

चाँद को देखा तो
सितारों ने शिकायत की
सितारों को देखा तो
चाँद ने कहा मुझसे बेईमानी की
चाहे जो भी हो ये दोस्त
इस रात की गलती है
जो जल्दी गुजरती नहीं
फरमाइश तो सुबह की थी
लेकिन चाँद की रोशनी में इस दिल ने
सुबह समझ कर नादानी की

-


20 SEP 2024 AT 19:35

रातभर बरसते मेघों को क्या पता
यहाँ सड़क किनारे भी लोग सोते हैं
बेसहारा, बेबस, बिना छत के
फूटपाथ ही जिनकी चारपाई है

-


20 SEP 2024 AT 19:29

दरिया को कहाँ पसंद है दायरे में रहना,
बाढ़ बन सब कुछ बहा ले जाता है,
समंदर में समा कर भी कहाँ अस्तित्व है खोता,
लहरें बन साहिल से वही तो टकराता

-


18 SEP 2024 AT 18:13

दरिया को कहाँ पसंद है दायरे में रहना,
बाढ़ बन सब कुछ बहा ले जाता है,
समंदर में समा कर भी कहाँ अस्तित्व है खोता,
लहरें बन साहिल से वही तो टकराता है।

-


15 SEP 2024 AT 21:15

रात भर सोया नहीं,
या जल्दी जग गया हूँ।
ये राज उन्हें भी नहीं है मालूम,
जो हम बिस्तर थे।

-


24 SEP 2022 AT 21:59

किस्मत में अगर तू मय्यसर नहीं
तो फिर ज़िन्दगी कोई सफर नहीं


-


Fetching Poetic Prabhas Quotes