उम्मीद चाँदनी की थी मिल गया चाँद
अब किरण मिले या सूरज
घर तो रोशन होना ही है
😊😊😊😊😊
🌻🌻🌻🌺🌺🌺-
एक पिता के विपुल कुमारा,
होहिं पृथक गुन सील अचारा ।
रावण, कुम्भकर्ण, विभीषण,
जन्मे उच्च पुलस्त्य कुल पावन ।
रावण, कुम्भकर्ण अभिमानी,
जिनके कारण भयी कुल हानी ।
भक्त विभीषण अति कुलीना ,
लंका राज्य भयो आसीना ।
कुल परिवार का दोष नहीं कुछ, अपना अपना भाग्य ।
जिसको जो भाए वही करता, अपनी डफली अपना राग ।।-
मारो न मुझे कोख में, मैं भी तुम्हारा अंश
मिलेंगी नहीं बेटियाँ तो कैसे बढ़ेगा वंश-
✍️✍️
डरता है रावण
भाई धर्मात्मा ना हो जाए
भाई ये चाहे
वंश का खात्मा ना हो जाए-
उजियारे की वंशबेल को
पदलोलुप हो काट रहा।
गाली देते "सूरज" डूबा
"जुगनू" तलवे चाट रहा।।
😢फ़र्क़ है औक़ात का😢
-
कल आलिंगन का एहसास,
कुछ हुआ मुझे कुछ हुआ तुझे।
हम हैं इक दूजे की आस,
है पता तुझे है पता मुझे ।।
तू है टुकड़ा ज़िगर का मेरे,
है पास मेरी परछाई सी।
कल तू भी बिछड़ेगी मुझसे,
न पता तुझे है पता मुझे।।
जब तू ही मेरा अंश है तू ही मेरा वंश,
क्यों न रह सकते आजीवन हम संग।
क्यों अलग करें ये रिवाज़ हमें,
है पता किसे ?न पता तुझे न पता मुझे।I
-
मैं अपने अंश से तेरा वंश चलाती हूँ,
तेरे ही नाम से अपनी ख्याति पाती हूँ।
मत पूछ तू मेरा त्याग और मेरा सर्जन,
ना कर मुझ पर प्रहार,ना कर मेरा विसर्जन।-
क्या कहा बेटा हुआ है
खुशी की एक लहर दौड़ आईं
वंश बनाएगा
दूजे घर नही जाएगा
मेरी कोख से जन्मा
मेरा ही कहलाएगा
क्या कहा बेटी हुई है
मन थोड़ा मायूस हुआ
नाजों से पालेंगे
दरिंदों से निपटने का सबक
सिखाना होगा
दो कुलों का नाम रौशन
करने लायक बनाना होगा
समाज के ठेकेदारों से बचाना होगा
अच्छे और बुरे का फ़र्क समझाना होगा
क्या हुआ जो बेटी हुई है
बेटी बेटा दोनों ही
मां की आंखों के तारे हैं
समाज ने बनाए नियम ये सारे हैं
संस्कार तो माँ बापू को ही सिखाने हैं
-
नादानी इक बार की पाल लिए खरगोश।
थोड़े दिन में सिर धुना हुए फ़ाख्ता होश।।
हुए फ़ाख्ता होश मिला जो दिन भर खाया।
बच्चे पर बच्चे पैदा कर वंश बढ़ाया।।
दड़बे में दलदल कर डाला दाना-पानी।
बदबू ने समझाई घर भर को नादानी।।
-