ये संबंधों की तुरपाई,
ये मानव भावों के चक्कर,
इस बार तो भेजा था तुमने,
अब क्षमा करो मुझको गिरिधर l-
पंछी जब हद से ज़्यादा फड़फड़ाए तो उसे उड़ जाने दो,
साँझ ढ़ले तो उसे अपने नीड़ में लौटना ही है।-
वो तपता है तुम्हें रोशन रखने की ख़्वातिर,
और तुम हो कि बादलों की शिक़ायत करते हो।-
लोग अक्सर पूछते हैं हमसे कि आप मुस्कुराते ही रहते हैं? तो भई मुस्कुराने का एक लेटेस्ट बहाना आया है मार्केट में कि कोई भी आपका हरिमुख(वानर जैसा चेहरा) दर्शन नहीं करना चाहता इसलिए मुस्कुराते रहिए😊
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ख़्वाब और ख्याल हो,
या हो ख्वाइशों के अफ़सानेl
ज़िंदगी इक सफ़र है,
कोई माने या न माने।।-
निद्रा मेरी प्रेयसी,
सोऊँगा उसके आगोश में,
उसी पंचवटी की छांव में,
अमराई के सोधेपन की हवा हो जिस गांव में।।-
कि वो जो करार था हम दोनों के दरमियाँ,
उसे सब मोहब्बत हम सुकून नाम देते हैं।-
उड़ने का l
भरोसा है मुझे,
अपने पंखों पर l
गिरूंगा नहीं,
जानता हूं ये बखूबीl
ताकत बची है अभी,
मेरे पैरों में l
जिंदा हूं ,
सांसे भी चल रही हैं।
एकदिन रफ़्तार मेरी,
लोहा मनवाएगी।
कि ये जो लोग अभी हँस के गुजर रहे हैं न मुझपर,
समय की कहानी उनको भी पाठ सिखाएगी ।-
ये फलक से जो बूंदे गिरती हैं न,
अरे वही जिसे तुम बारिश कहते हो।
आजकल वो भी मुझे साजिश सी लगती है,
किसी अपने से लगने वाले गैर की ।।-