औरत के किरदार को मर्द ने हर सूं सजा दिया है.
औरत होने की हमको, ये कैसी सज़ा दिया है????-
कि मेरे घर खुशियों की दावत है...
खुश तो बस इसलिये हूँ,
कि खुश रहना मेरी ... read more
दिल के रेगज़ार में, मेरा सब कुछ फ़ना है,
तू मेरी यादों के गिरोह का सरगना है।-
नज़रें बख्शी हैं खूबसूरत ,खुदा ने तुझे,
बस, तुझे नज़रिया खूबसूरत बनाना है....-
तेरा मुझ पर
भरोसा करना,
मेरी चाहत की
किताब का वो धागा है,
जिस धागे से
मेरी पूरी किताब
के पन्ने बंधे हुए हैं,
और
तेरे भरोसे को
कायम रखना ,
मतलब मैंने....
उस किताब को मजबूती से,
जिल्द करवा लिया.
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चाह तो है कि याद करें तुमको,
लेकिन याद आने लायक.... दिल से दूर तो हो जाओ....-
अक्स तेरा देखकर मुस्कुराते हैं बरबस,
चाहूँ न चाहूँ मैं.......... ये लब हैं बेकस।-
कहा था मैंने, ये सातवां जनम है,
अगले जनम में हम तुझे छोड़ देंगे.
लेकिन जितनी मेरी चाहत है,
लगता है हम सात जनम और लेंगे.-
खेल डाले पैंतरे बहुत ,तुमने आजमाइश के,
सूख गए वो गुलाब अब तो, दोस्ती की गुंजाइश के.-
अल्फाज़ कई, अशआर कई,
और कई तरन्नुम की साजिश....
कई लाख तराने गाए हैं,
और की है अश्कों की बारिश....
तू साथ नहीं है जिस पल में,
उस पल से मेरी है रंजिश.....
तू लाख दूर मेरे दिल से,
मंजूर नहीं मुझको बंदिश....
सब देख लिया नामुमकिन है,
'जान'तुझे भुलाने की कोशिश......-
वो जिस दिन मेरी नज़रों ने तेरी दीद की,
वही थी दिवाली मेरी, वही मेरी ईद थी.-