सच्ची बाते
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माना लड़की होना आसान नहीं होता,
लेकिन यार सच बताउ तो,
लड़का होना भि आसान नहीं होता,
उनका एक आसु क्या गिर जाये,
मर्दानगी पे सवाल उठने लगते है.....-
चंद पैसे कमाने को मजबूर लड़का !!
है घर चलाने को घर से दूर लड़का !!
अपनों से दूरी का ग़म, सच मायने में
जानता है शहर गया मज़दूर लड़का !!
आंसूओं पर बंदिश है, कोई देख ना ले
रो भी नहीं पाता कभी भरपूर लड़का !!
इश्क़ की बस्ती में पाँव गर रखे भी तो
ज़माने में बेवफाई से मशहूर लड़का !!
चाँद है लड़की, सभी यहां बतलाते हैं
कोई नहीं कहता, है कोहनूर लड़का !!-
हमें क्यूं डराते हो क्या होगा हमारा हश्र,
हम लड़के अपनी बर्बादी पे भी मनाते है जश्न।
#कैप्शन पढ़े
समय हो तो पढ़े अन्यथा जाने दे-
"लड़को" के चेहरों पर उम्र से पहले
गंभीरता दिखना,
बयां करती है उसके जीवन को,
कि उसे उम्र से पहले ही खींचने पड़ रहे हैं
जीवनरूपी गाड़ी के जिम्मेदारियों को,
और "लड़कियों" के चेहरे पर उम्र से
पहले पड़ी झुरियां,
बयां करती है उसके लड़की जीवन में
पैदा लेने कि "भयानक त्रासदी को"..!!!!
:--स्तुति-
वो अपनी सेहलियो से इस तरह तो कहती होगी,
जो मुझ से मोहब्बत करता है वो लड़का शायर है..!!-
सुनो, ये समाज है,
लड़कों का सिसकना, यहाँ देख पाता न कोई,
उनका आहें भरना भी, गालियों को आमंत्रण है।-
समाज द्वारा कमजोर ना बनने की शिक्षा
ही लड़को को बना देती है कमजोर,
वो अपने दुःख को दिखाने से सही
मानने लगते हैं छुपाना,
अन्दर ही अन्दर घुटते हैं पूरे जीवन,
और अंत में अपने मां,पापा,भाई,बहन
के गले लगने से समझते हैं आसान,
मौत के गले लग जाना..!!!!
:--स्तुति-
कलम से उतारा जब उसका नाम,
जैसे सहर में गूंजा कोई आराम।
सादगी उसकी, इक ख़ामोश दुआ,
जैसे खुदा ने फुरसत में उसे छुआ।
चेहरा उसका, बिन किसी नूर के,
फिर भी जगमग, चांद के सरूर से।
आंखें उसकी, जैसे रात की बरसात,
हर दर्द को पढ़े, हर ख्वाब की बात।
हंसी उसकी, जैसे बेलों की सरगम,
हल्की सी खनक, और दिल का आलम।
चाल उसकी, धीमी-धीमी हवा,
जो चलते ही दे सुकून का पता।
{Read in caption}
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आजकल का प्यार
लड़के को लड़की का जिस्म चाहिए।
अपनी कामवासना पुरी करने के लिए।
और लड़की को लड़के का पैसा चाहिए।
अपने खर्चे पुरे करने के लिए।
प्यार का नाम बदनाम।-