जज़्बातों को लिखा तो ये मालूम हुआ,
पढ़े-लिखे लोग भी पढ़ना नहीं जानते..!!-
Maaz Ansari
(Maaz Ansari)
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हमे मालूम था अपनी दिल्लगी का नतीजा••• तभी मोहब्बत से पहले शायरी सीखी थी हमने•••
Joined 12 May 2020
7 JUL 2020 AT 16:34
28 MAY 2020 AT 18:49
चलो हमनें तो फाको में काट लिए ईद के भी दिन,
मोहतरमा आप अपनी सुनाओ , तुम्हारे शहर की बिरयानी कैसी थी.!!
☹😍☹-
27 MAY 2020 AT 8:07
26 MAY 2020 AT 16:40
इस ईद मैंने सिर्फ एक ही दुआ मांगी है,
ए खुदा जो जिसकी मोहब्बत है उसे दे दो,
यूं हर रोज़ बढ़ते शायर मुझसे देखें नहीं जाते..!!-
25 MAY 2020 AT 17:09
गैरों में जो है शाद ..... उसे ईद मुबारक,
हम जिसको नहीं याद ....... उसे भी ईद मुबारक..!!-
19 MAY 2020 AT 21:09
हाले दिल सुनाकर लोगों से क्या मिलेगा,
ज़ख्म और गहरे होंगे दर्द नया मिलेगा..!!-
19 MAY 2020 AT 5:24
रात में ख्वाहिशें,
कुछ यूं दबी सी रह गई,💫ख़्वाब में,
तुमको ढूंढते ढूंढते बस सुबह सी हो गई..!!-
16 MAY 2020 AT 23:53
बिगाड़ के रख देती है जिंदगी का चेहरा
ऐ-मोहबब्त तू बड़ी तेज़ाबी चीज है....!!-
14 MAY 2020 AT 19:34
दो लफ्ज़ क्या लिखे तेरी याद मैं, मैंने..
लोग कहने लगे तु आशिक बहुत पुराना है..!!-