𝙎𝙝𝙖𝙟𝙞𝙙𝙖 𝙋𝙖𝙩𝙝𝙖𝙣   (Shaj)
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Joined 10 February 2019


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Joined 10 February 2019

मन के रिश्ते न जानें क्यों इतने उलझे उलझे हुए होते हैं कि,
सुलझाने की कोशिश करो तो, कभी और भी गाँठे गिर जातीं है।

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मुझमें इतनी मोहब्बत अता फरमा, मौला!
कोई दुश्मन भी हो तो, मुस्कुराकर मिलें।

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तीळ तीळ नष्ट होऊ देत अंहकाराची राख,
मनातला लख्ख अंधकार ही होऊ देत खाक.

तोंडात योग्य शब्दांची, जरा राहू देत पकड,
आपूलकी, विश्वास, माणुसकीशी नेहमी ठेव तू लगड.

नकोच नुसत्या त्या बाता, स्वत:पाशी राख इमानदारी,
अविचारी अभद्र धारणा सोड, बन जरा विचारी.

चांगुलपणाचा पोपट करू नकोस, नको बनूस अपराधी,
निरोगी मन ठेव, नको आणूस कोणती व्याधी.

कशाला चिंता उगाचच्या, कशाला आपणच काढायची खोडी,
दुनिया जिंकायची असेल तर, जीभेवर ठेव गोडी.

क्षणोक्षणी सत्कर्म करत जा, दुर्गुणांस मार गोळी,
जाळ बुरसटलेल्या रीति परंपरा, आणि मनव होळी.

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तुम्हारा दुख कोई नहीं देखता...

( Read in caption )

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प्रेम
कभीभी भिखमंगा नहीं होता,
ना ही वो कटोरों में उतरता है।

क्योंकि
जो लालच और लाचारी में
कटोरों में उतरती है वो है
"हवस"...!

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उम्र का एक ऐसा दौर है -

जहाँ आधुनिक हूँ,
पर जरूरतें इतनी है कि
प्यार करने नहीं देतीं।

और
पुरातन इतनी हूँ कि,
प्यार, जरूरत बन नहीं सकता।

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कुछ लोगों की बुद्धि इतनी नंगी होतीं है कि
उसपर कपड़े चढ़ाओ तो भी नंगी ही दिखतीं है।

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कपड़े का फटना,
कपड़े ब्रॅण्डेड ना होना,
कपड़े की क्वालिटी कम होना।
ये दारिद्र्य के निशानियाँ
तो बिल्कुल भी नहीं है।

दारिद्र्य तो मन की सोच है।
वरना सुदामा से मित्र को कान्हा क्यों गले लगातें!
और कुलीन राजवंश संपुर्ण दरबार में
द्रौपदी का चीरहरण क्यों करने लगतें!
दोनों भी जगह सोच है -
एक जिसने कभी दारिद्र्य को
मित्रता से ऊपर कभी माना नहीं।
और दुजा जिसके अमीरताके चर्चें दशदिशाओं में है,
परंतु लोगों की ह्दय में दारिद्र्यता इतनी है कि कोई भी
स्त्री की आबरू की रक्षा करने आगे आया नहीं।

मन अगर सच्चा हो तो
भावनाओं की कदर की जातीं हैं ना कि
किसी वस्त्र, चीज़ या जात की।

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प्रेम कैसा होना चाहिए?

ना वो किसी बंधन में रहें हमारे लिए,
ना हम किसी को बाध्य करें जाने के लिए।

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प्रेम मिलते ही
उदास लड़के खिलखिलाने
लगते हैं... बसंत की तरह!!!

आ जातीं है उनके कपोलों पर कलियाँ,
भर जाता है आँखों में पुरा समंदर,
और कभी कठोर पर्बतसा लगनेवाला व्यक्तित्व
बन जाता है अचानक से संयमी और शांत।

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