चन्द्रमा ठहरता नहीं किसी राशि पर
तीन दिन तक,
सूरज भी तीसवें दिन
करता है स्थान परिवर्तन।
मैं चाहता हूँ
मेरा प्रेम
टिका रहे
तुम पर
ध्रुव तारा बन
युगों युगों तक।-
👊🏻😈
राशि से कुछ नही होता साहब...
कन्या राशि वाले बिना कन्या के घूम रहे है..
सिंह राशि वाले को भी कुत्ता दौड़ा देता है..
😆😆-
हम मुस्कान बीनते हैं..... तो वो चुनते हैं उदासी
हम मार्ग देखा करते हैं..... तो वो देखते हैं राशि।-
न सूरज टिका किसी एक राशि पर,
न चन्द्र किसी एक नक्षत्र पर,
प्रेम कैसे टिकता मुझ पर फिर...-
मैं अख़बार पढ़ रहा था अचानक मेरी नजर मेरी राशिफल पर पड़ी ,
लिखा था आज आपको बड़ा खजाना मिलने वाला है ।
सच्ची में यारो अभी-अभी चौराहे पे कुछ पुराने दोस्तों से मुलाकात हो गई।
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राशि तन्हा सोच रही थी, ऐसी भी क्या बात हुई?
माना मेरी गलती थी, पर इतनी क्यों प्रतिघात हुई?
स्वजन की खुशियों की खातिर, सपनों को भी वार दिया।
रसोड़े की परिमित सीमा में, तन-मन ही निस्सार दिया।
कहो मिला क्या साथ मुझे, जितना साथ निभाया था?
क्या तश्तर, चम्मच, चूल्हे से मैन ब्याह रचाया था?
भिगौने, बर्तन, काच, कड़ाही बजते थे इस सीने में,
कहते थे, क्या यही है मकसद तेरा जीवन जीने में?
एक दिन मैं सोच में डूबी, कूकर में चना डालना भूल गई।
मैं एक बिचारी कितना करती, थी अपने ग़म में डूब गई।
पर लोगों ने ऐसी गलती को भी इतना कोसा है।
मेरी निष्ठा नहीं दिखी, यह लगता सबको धोखा है।
सही यही होगा कि अब मैं रसोड़ा छोड़ चली जाऊं।
अपनी ही सेवा में मैं भी सबकी तरह ही लग जाऊं।
लोग इसे स्वार्थ कहें, पर खुद को भी पहले झांके।
घर का काम सभी का, क्यों मिलकर हाथ नहीं बांटे?
जा राशि जा! अपने दम पे अपना अब संसार बना।
बेटी-बहन-माँ-बहू का बस फर्ज़ नही, अधिकार निभा।-