मुजस्सम
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1 SEP 2021 AT 20:46
मोहब्बत में हमने खुदा को मुजस्सम देखा है
इबादत में हमने हमेशा महबूब को ही रखा है-
2 SEP 2021 AT 8:12
मिरे लबों पे नाम उसका तबस्सुम सा रहा ,
मिरे चश्म में वो ख़्वाब-ए-मुजस्सम सा रहा …-
1 SEP 2021 AT 23:39
मुज़स्सम खड़ी है सहर ,दिल में घना अँधेरा है,
छिप गया महताब भी ,सितारों ने भी मुँह फेरा है ,
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1 SEP 2021 AT 23:37
चाँदनी में नहाया,
रुपहला सा बदन,
मेरी जानाँ का ऐसा,
मुजस्सम ताजमहल के जैसा।
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1 SEP 2021 AT 22:49
कैसे बताये कि गुल हो,गुलबदन हो, जान-ए-बहार हो
ख़ुदा की क़ायनात में हुस्न की मुजस्सम शाहक़ार हो।-
1 SEP 2021 AT 22:07
हुस्न- ए-मुजस्सम का हुआ दीदार
करें इश्क़ का नशा दिल को बेकरार
पल पल आंँखों में बैचैनी बढ़ने लगी
बेहिसाब चढ़ने लगा प्यार का खुमार
निगाहों में मदहोशी सी छाने लगी
दिल -ओ -जाँ मोहब्बत पर निसार
Naini
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