QUOTES ON #ब्रह्म

#ब्रह्म quotes

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16 SEP 2019 AT 19:15

मैं
सिखा न पाया
शब्दों को नृत्य
मुद्राएँ
भाव भंगिमाएँ।

पर
वे अकसर ही
मेरे मस्तिष्क में
करते हैं
ताण्डव।

किसी ने
सच ही कहा है
शब्द ही ब्रह्म हैं
शब्द ही शिव हैं।

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28 NOV 2020 AT 18:21

मार्ग बहुत सारे हैं, ब्रह्म को पाने की!
पर आप भ्रमित है!!
मोक्ष का ज्ञात सबको है!
किंतु प्रारंभ और मध्य रिक्त है!!
चाहत सबकी है, अंतिम तक जाना!
किंतु रिक्त को भरने से डरते हैं!!
दौड़ सब तरफ लगी है, अपनी वासना कि पूर्ति में!
इस दौड़ में ही, प्रारंभ और मध्य विसर्जित है!!
फिर अंतिम की, आग प्रबल होती है!
पर ये आग क्या ख़ाक जलेगी? जब आप उर्जा विहीन होते हैं!

देखो उनको जो ब्रह्म को पाएं!
देखो उनको जो ईश्वर कहलाए!
देखो उनको जो मार्ग दिए!
देखो उनको जो गुरु कहलाए!
देखो उनको जो तप को पाएं!
ये सब ऊर्जा से परिपूर्ण थे, वासना से मुक्त थे!

चुनो उनमें से किसी एक को, ना कहो सब एक है!
क्योंकि मार्ग सबके अलग है? अंतिम सबका एक है!

प्रश्न से विहीन हो, श्रद्धा से परिपूर्ण हो!
चुन लो किसी एक मार्ग को, या रच दो खुद के मार्ग तुम!!
रच दो खुद के मार्ग तुम!!

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18 MAR 2019 AT 11:53

BHRAM se BRAHM tak
ka BHRAMAN
hai YE JEEVAN.

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19 JAN 2022 AT 7:16

-विकल्प" मिलेंगे बहुत मार्ग भटकाने के लिए,
संकल्प" एक ही काफी है, मंजिल तक जाने के लिए!
: (Read Caption)

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29 APR 2024 AT 21:56

जहाँ से चले थे वहीं आ गए, बेगानों के बीच हम अपनों को पा गए।
किसी को बताया मत करो ख़ुशखबरी, घर बसा नहीं लुटेरे आ गए।
कल महफ़िल में बैठे थे उनको देखकर यकायक रुआँसा हो गए थे।
कैसे-कैसे कर के ख़ुद को संभाला और हम अपने आँसू छिपा गए।
बड़ी बुरी आदत है हमारी देखो ना मेरे दोस्तों, बर्दाश्त नहीं होती हैं।
ज़रा सी ख़ुशी मिली नहीं कि अपने से जलनेवालों को को बता गए।
एक नहीं कई बार हज़ार बार तौबा किया है इस इश्क़ की बीमारी से।
पर एक बार क्या देखा उसको एक बार फिर से हम दिल लगा गए।
उफ्फ, उनकी साफ़गोई का क्या ही कहना तुम ही देखो ओ मेरे यारों।
हम तो बस उनके आशिक़ बने और कमबख़्त "बे मौत ही मर गए"।

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24 FEB 2021 AT 5:53

शब्द अगर ब्रह्म है तो मौन क्या है?

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25 MAY 2021 AT 4:58

# 26-05-2021 # काव्य कुसुम # ब्रह्म मुहूर्त #
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ब्रह्म मुहूर्त में निद्रा त्याग करने से ही जीवन का कुछ अर्थ होता है।

ब्रह्म मुहूर्त में निद्रा त्याग नहीं करने से सब कुछ भी व्यर्थ होता है।

जीवन का अलौकिक एवम् सकारात्मक समय होता है ब्रह्म मुहूर्त-

ब्रह्म मुहूर्त में निद्रा त्याग करने वाला हर प्रकार से समर्थ होता है।
=========== गुड मार्निग ===========

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21 MAR 2020 AT 1:59

न जाने क्यूँ कभी कभी मन करता है,
कि मैं अमूर्त होकर ब्रह्म में विलीन हो जाऊँ!

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13 APR 2022 AT 17:55

शब्द विष्णु...शब्द ब्रह्मा,शब्द हैं वामन का अवतार!
शब्द हैं मरहम... शब्द छुरी हैं... शब्द कटार!!

शब्द घूमते आस-पास,दुआ-दवा-शिफ़ा बनकर!
शब्दों की गूंज ब्रह्मांड तक,है अनंत शब्द संसार!!

शब्द दुआ बनें तो,जड़ सा जीवन जन्नत कर दें!
शब्द भेद दें सीना, भस्म कर दें शब्द... *सार!!

शब्दों की रचना में गुँथे, सब वेद- धर्म- व्यापार!
शब्द में वो ताकत होती है शब्द पहुँचें ईश-द्वार!!

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25 APR 2020 AT 18:34

जब चले जाएँगे हम लौट के सावन की तरह
याद आयेंगे प्रथम प्यार के चुम्बन की तरह...

कोई कंघी न मिली जिससे सुलझ पाती वो,
ज़िंदगी उलझी रही ब्रह्म के दर्शन की तरह...!

~गोपालदास_नीरज जी

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