मैं पागल की उपाधि चाहती हूँ
कि मुझे ये दुनिया सवारनी है..-
Unknow Log
(Pagal_atma)
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Joined 11 December 2021
22 SEP 2022 AT 20:14
बेहोशी में कैसे गुज़ार दी हैं ज़िन्दगी..
अब जो होश आया तो मलाल में हूं..-
29 AUG 2022 AT 19:57
दिल ए नादान हूं समझदारी नहीं आती ;
मुझमें वास्तविकता है अदाकारी नहीं आती ||-
4 AUG 2022 AT 21:40
इससे बड़ा भी कोई गम है क्या ;
जिस घर में मां बाप ना हों वो घर किसी खंडहर से कम है क्या ।-
27 JUL 2022 AT 23:19
किसी किसी पे मेहरबां होती है जिंदगी ,
सबकी क़िस्मत में उजाला कहाँ होता है ...
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11 JUN 2022 AT 10:34
बेशक दूध की धुली तो मैं भी नहीं,
मगर कभी कीचड़ सा किरदार लिए नहीं घुमी...-