Unknow Log   (Pagal_atma)
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Joined 11 December 2021


Joined 11 December 2021
12 OCT 2022 AT 20:57

मैं पागल की उपाधि चाहती हूँ
कि मुझे ये दुनिया सवारनी है..

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25 SEP 2022 AT 9:40

इन आंखों में क्या देखते होंगे लोग....

Caption👇

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22 SEP 2022 AT 20:14

बेहोशी में कैसे गुज़ार दी हैं ज़िन्दगी..
अब जो होश आया तो मलाल में हूं..

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29 AUG 2022 AT 19:57

दिल ए नादान हूं समझदारी नहीं आती ;
मुझमें वास्तविकता है अदाकारी नहीं आती ||

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13 AUG 2022 AT 20:43

....

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4 AUG 2022 AT 21:40

इससे बड़ा भी कोई गम है क्या ;
जिस घर में मां बाप ना हों वो घर किसी खंडहर से कम है क्या ।

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27 JUL 2022 AT 23:19

किसी किसी पे मेहरबां होती है जिंदगी ,
सबकी क़िस्मत में उजाला कहाँ होता है ...

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20 JUL 2022 AT 23:22

फिर निकले थे तुम वफा ढूँढने कैसा था इस दफ़ा स्वाद मिट्टी का ।

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18 JUL 2022 AT 21:50




तुम जब कहानी बनोगे ,
मैं उसका अहम हिस्सा रहूंगी ।

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11 JUN 2022 AT 10:34

बेशक दूध की धुली तो मैं भी नहीं,
मगर कभी कीचड़ सा किरदार लिए नहीं घुमी...

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