QUOTES ON #बुराई

#बुराई quotes

Trending | Latest
3 JUN 2020 AT 13:13

मेरे बारे में क्या जानना है,
और तुम्हें क्या बताऊँ,
कह तो दिया कि,आम सा लड़का हूं,
अब क्या कोई झूठी कहानी बनाऊं,
ये जो हो जाते हो हर बात पे नाराज़ तुम,
ये तो बताओं कि और कितनी बार मनाऊ,
कुछ राज मेरे अपने है,
अब हर राज की वज़ह बताऊं,
पसंद हो तुम किस कारण से,
ये भी अब तम्हें लिख के बताऊं,
हर चीज़ में मेरी बुराई ढूंढते हो,
अब तुम ही बताओं क्या इतना बुरा हूं,
प्यार है तुमसे इसलिये चुप हूं,
कहो तो अपनी बुराई दिखाऊं ।

-


5 JUN 2021 AT 14:50

खुदको बुरा कहने की हिम्मत नहीं है,और वहीं लोगों दूसरों को बुरा बोलते है..!!
😘
- आदि..™

-


10 APR 2020 AT 0:23

कि अगर इतने बुराई से भी दिल न भरे तुम्हारा ताे
मेरा आैर करना बुराई हमनशीं हम तुम्हारे साथ हैं

-


1 JUN 2020 AT 10:36

बुराई जाननी है मेरी,
मुझसे पुछो।
अच्छाई जाननी है,
बेहतर होगा खुद ही ढूढ़ो।

-


20 JUL 2019 AT 6:47

अभी भी कुछ है,अच्छे इंसान इस दुनिया में
लेकिन उससे कहीं ज्यादा बुरे हैं
अच्छे के लिबास में

-


19 MAY 2020 AT 23:05

मेरी कोई भी लेखनी
उन्हें कागज़ पर फैली महज़ एक स्याही नज़र आती है
सही कहते हैं लोग
अच्छों को हर चीज़ में अच्छाई
और बुरों को बुराई ही नज़र आती है

-


15 MAR 2020 AT 7:51

हज़ार अच्छा करले तू किसी के लिए,
अंत में तेरी गलतियों के ही कसीदे पढ़े जाने है,
मत बदल तू खुद को किसी के लिए भी,
तुझे बदलता देख वो ही सबसे पहले चले जाने है!

-


31 JUL 2017 AT 15:51

सावधान (caution)

हद से ज्यादा अच्छाई भी
अक्सर बुराई की वजह बन जाया करती है

-


30 MAY 2020 AT 14:50

बुराई का प्रतीक मानते जिसे, अच्छाई को भी उसकी जान लो
कुछ बुराइयों के धब्बों को छोड़, अच्छाई को भी उसकी पहचान लो।।

महा तेजस्वी, महा ज्ञानी दशानन था जिसका नाम
महा पंडित रावण की रचना शिव तांडव स्तोत्र, राजनीति का सम्पूर्ण ज्ञान।।

माना थे मायावी, रखते थे तंत्र और ज्योतिष का ज्ञान
इंद्रजाल जैसी अथर्ववेद मूलक विद्या का रावण ने ही किया था अनुसंधान।।

वेदों के ज्ञाता, शास्त्रों के रचयिता
अंक प्रकाश, नाडी परीक्षा आदि पुस्तकों का रावण ने ही की रचना महान।।

शिव भक्त रावण, महान संगीतकार
महा योद्धा ने ही किया था आयुर्वेद का निर्माण।।

परिजनों की रक्षा को प्रतिबद्ध, नारी को करते सम्मान
एक भूल के कारण दीया हमने जिसे बुराई का नाम।।

दोष का प्रतीक कहते जिसे, अच्छाई को भी उसकी जान लो
कुछ खोट के धब्बों को छोड़, अच्छाई को भी उसकी पहचान लो।।

बने रहो रावण, बस बुराई का स्वयं से संघार करो
मानव हो मानवता से ही इस धरती का कल्याण करो।।

-


2 NOV 2019 AT 7:30

देखता हूँ जब मैं ख़ुद की बुराइयाँ
मुझे दुनिया अच्छी लगने लगती है

-