बदल गया है सब कुछ,
ना बातें वो हैं, ना वादे वो हैं।
ना पहले सी मुलाकातें हैं,
ना पहले सी वो रातें हैं।
कहाँ गई वो हर पल की बातें?
कहाँ गए वो हर पल के वादे?
अब तो बस खामोशी है,
और दिल में एक टीस है।
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- आदि..™-
बात करने की दिल को है ख्वाहिश,
पर कोशिश करने की हिम्मत नहीं।
कहना तो बहुत कुछ है तुमसे,
पर होंठों को अब इजाज़त नहीं।
क्या बताएं तुम्हें अपने दिल का हाल,
जब तुम्हें सुनने की फ़ुर्सत नहीं।
लिखा तो बहुत कुछ है इन काग़ज़ों पर,
पर तुम्हें पढ़ने की ज़रूरत नहीं।
ये दूरी है या है मजबूरी,
बस अब और सहने की ताक़त नहीं।
क्या कहें, क्या ना कहें,
कुछ समझ आता नहीं।
हाँ, ये सच है कि तुम्हारे बिन,
अब रहा जाता नहीं।
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- आदि..™-
अंदर से बहुत उलझा सा हूँ, बाहर से एक दम खामोश सा हूँ।
कहने को हज़ार दोस्त हैं, पर असलियत में अकेला सा हूँ।
शायद मैं अब सुशांत सा हूँ... एक अनकही पहेली सा हूँ।
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- आदि..!!-
गलती एक, ताने हज़ार, जब जवाब से बचे वो;
समझ लेना कहीं न कहीं, सच पे हो तुम खड़े!
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- आदि..™-
कभी करीबियाँ, कभी दूरियाँ रही,
एक अनकही सी दास्तान रही।
दिल में थी चाहत, पर लकीरें न मिली,
तुम मेरे होकर भी मेरे न रहे कभी।
एक ख्वाब था जो पूरा न हुआ,
एक रिश्ता था जो नाम न पा सका।
हर धड़कन में तुम समाए रहे,
पर हकीकत में तुम मेरे न हो सके।
यादों की धुंध में आज भी तुम हो,
अधूरी कहानी का हिस्सा तुम हो।
माना कि किस्मत को ये मंजूर न था,
पर मेरे इश्क में कोई कसूर न था।
अब भी तुम्हारी खुशबू हवाओं में है,
तुम्हारी मौजूदगी इन फिजाओं में है।
जानती हूँ, तुम कभी मेरे न थे,
पर दिल से तुम्हें भुला पाना मुश्किल है।
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- पल्यादि-
When You Don't Trust Your Own Decisions, Why Ruin Someone Else's Life for a Moment of Pleasure?
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- adii..™
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अलविदा जो कहा नहीं गया: आखिरी मुलाक़ात की एक अधूरी दास्तान
( In Caption )
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- आदि..™-
मुझे इतनी हिम्मत दे, कि वो तरसें मेरी कमी को,
जो आज बेफिक्र हैं, कल पछताएँ मेरी जुदाई को।
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- आदि..™-
सुकून हमेशा सच्चे इंसान के पास होता है,
हर लफ़्ज़ में उसके दिल का अहसास होता है।
झूठ दे सकता है चंद लम्हों की तसल्ली,
पर रूह को न तो सुकून, न ही कोई प्यास बुझाता है।
चेहरे पे सादगी, आँखों में नूर रखते हैं,
सच बोलने वाले दिल में सुरूर रखते हैं।
झूठ जितना भी सजा लो हकीकत के सामने,
वो तो एक दिन अपना चेहरा जरूर दिखाता है।
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- आदि..™-