एक फूल खिला था
कुछ लोगों ने उसे जड़ से उखाड़ दिया
कश्ती डूबी तो कहा बचालो इसे,
ये कहकर मुझे पानी में उतार दिया-
ताकत आवाज में नही
अपने विचारों में रखो,,
क्योकि फसल बारिश से होती है
बाढ़ से नही।।-
मुझे
लोगों कि मानससिकता देखकर
बस सहम सा गया हूं मैं
सिर्फ यह सोचकर
कि जिसके थाली में दो रोटी पड़ा है
उसे और मिल रहा है
और जो पिछले कई दिनों से भूखा है
लाचार है मजबूर है
उसे कोई पूछता भी नहीं😑
Why?🇮🇳-
बड़ी - बड़ी बातें करने वाले
कभी गांव के चौखट के
उस मिट्टी पर आकर देखो
जहां से तेरे लिए ,
दो वक्त की अऩाज उपजता हैं
तुम AC में बैठकर जिसे खाते हो,
उसे हम धूप में जलकर उपजाते है
तुम्हें एक दुकान से नहीं पटता,
तो दूजे से ले आते हो ,
पर हम धूप में कभी है जल जाते😨
बाढ़ में कभी है बह जाते😨
फिर भी तिनका-तिनका जोड़कर,
तेरे लिए बोड़ा है भर जाते,
•तुम क्या जानो ऐ शहरवालों×2
तुझे तो साफ-साफ है मिलता,
जिस मिट्टी को तुम गंदा कहते😧
ये जान लो तुम,
कि ये दाना वहीं से है उपजता🙏-
आज हवाओं ने भी , मजा़क उड़ाया हैं
रोड पे ताने पन्नी को भी , चिथरा-चिथरा उड़ाया है
Ac वालें गाड़ी में बैठकर आना , आश्वासन देकर चले जाना
शायद हवाओं ने भी ये कला , उन हरामी राजनेताओ से सिखा है
जो vote मांगते समय , हाथ🙏 जोड़ पांव पकरते हैं
कुर्सी मिल जाती है जब , तब पांव पसार लात मारते है😑
#बाढ़😑-
आँखों के नीचे
होते हैं जो काले घेरे
वो निशान होते हैं
बाढ़ के पानी के-
देखता हूँ अब कौन सा मुकाम मिलता है मुझे,
कच्चे मकान को बाढ़ के पानी से इश्क़ हुआ है।-
व्यथित मन से कर रही हूं पुकार,
ये कैसा प्रलय झेल रहा है बिहार,
पहले सुखाड़ तत्पश्चात विकराल बाढ़,
मासूमों को छीन गया पहले ही चमकी बुखार,
दंश लू का चला ऐसा,जाने कितनी चली गयी,
रोई बिलखी माँओ की आँचल बस भींग के रह गयी,
कोई न सुना दुखड़ा, उनकी गोद सूनी हो गयी,
इलाज़ के अभाव में बच्चों को बेमौत मौत मिल गयी,
जाने क्या गलती हुई,क्यों कर रहा प्रकृति खिलवाड़,
और नेत्र मूंदे सत्ता पर मौन बैठी है यहां की सरकार,
जनता की कोई सुध नहीं है करती नहीं कोई प्रतिकार,
बच्चे-बूढ़े तड़प रहे हैं,मिल न रहा है उनको आहार,
सुशासन बाबू आत्ममुग्ध हो गए,अब आस ही न किया जाएं,
सोये रहने दे उन्हें,उनके तंद्रा को न भंग न किया जाएं,
बस प्रार्थना अब तुमसे करती हूं भगवन,दुःख मासूमों का सुना जाएँ,
बहुत हो गया इम्तेहान अब कुछ रहम भी तो किया जाएं!🙏-
बारिश हमेशा हमें ख़ुशियाँ ही नहीं देती.....
कभी - कभी जिंदगी भर का ग़म दे जाती है....-