ये मोहोब्बत की बातें हमसे ना करो
अभी अभी हमने ज़िंदगी फिर से शुरू की है-
❣️।। इन दिनों एक अजीब सी बेक़रारी है
फूलों से मिला करता हूँ अक्सर में, अब तुम... read more
ऐ खुदा... मत कर तू अपनों को अपनों से जुदा
ये सब तेरे ही तो बंदे हैं सब पर अपनी रहमत बरसा
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लब्ज़ों मै बयाँ नहीं कर सकते के तुम्हें कितना प्यार करते हैं
लोग पूजते होंगे अपने-अपने खुदा को, हम तेरी पूजा करते हैं-
एक पल भी जो तुम ना मिलो तो हम रह नहीं पाते
तुमसे बेपनाह मोहोब्बत करते है, मगर कह नहीं पाते
मेरी ख़ामोशी में छुपी है मेरे प्यार की दास्तान
में ज़ुबाँ से कुछ कहता नहीं, तुम आँखों मै पढ़ नहीं पाते-
हालातों से लड़ना सीखा है मैंने
गिर-गिर कर सम्भलना सीखा है मैंने
इरादे मज़बूत हैं मेरे चट्टानों की तराह
अंधेरों में भी चलना सीखा है मैंने-
आज फिर एक ख़ाब देखा है मैंने
ख़ाब में उनको फिर एक बार देखा है मैंने
ये ख़ाब ही तो है, पल भर में टूट जाएगा
एक पल में अपनों को गैर बनते देखा है मैंने-
कुछ करना कुछ ना करने से बेहतर है
किसी पर मरना, मरने से बेहतर है
कुछ पल के लिए ही सही मिल जाए वो ख़ाबों में
उनका ख़ाबों में मिलना, हक़ीक़त से बेहतर है-
सुबह हुई तो शाम के इंतज़ार में बैठे हैं
वो चले गए छोड़कर, हम अभी भी प्यार में बैठे हैं-