ख्वाहिशों का पुलिंदा बाँध, हम चले ख्वाबों के रस्ते,
दरख़्त हौसले का और हासिल सुकूं की छाँव तो हो !-
रोज रोज ना आया करो , लेकर पुलिंदा शिकायतों का
महबूब हूँ तेरा, कोई नुमाइंदा नहीं सरकारी दफ्तर का !!-
कारण अलग करने का
मजबूर क्यूँ होकर सौगंध विदाई कि खाते हो
मैं खिलखिलाता फूल हूँ आपके आँगन का
फिर क्यूँ मुझे तोड़ने की बात करते हो
भेज कर मुझे इरादा क्या है छिपाने का
आँचल वो क्यूँ अपना सूना देखना चाहते हो
हँसते हँसते आँखें भरेगी पुलिंदा यादों का
हौसला सहने का कहाँ से लाने का सोचते हो
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कविता लंबी है, पर मेरे पास वक्त कम है।
कागज़ का पुलिंदा है पर मेरे अंदर रक्त कम है।-
सोचा था चुरायेंगे दिल ताला तोड़ के
सो रही वो संदूकची खुला छोड़ के-
न दुआ सलाम.. न खैरियत पूछतें है
ये मनचले 'yourquoters' पुलिन्दे झूठ के हैं बस..!!-
जो पहले ही दिल हारा हो, तो चुराना कैसा
जो पूरा का पूरा तुम्हारा हो, उससे बहाना कैसा-
हाँ, मैं इंसान हूँ,
गलतियों का पुलिंदा हूँ,साहेब,
उंगलियाँ आराम से उठाना,
थक जाओगें !!-
मार्च क्लोजिंग...
उठा लाऊं क्या मोहब्बतों का पुलिंदा,
मार्च में इस बार बैठ कर तो हिसाब कर ले।
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हम कभी मिले, ना मिले, ये दिल जरूर मिले,
ख्वाइशों का पुलिंदा हूँ,दिल में जगह जरूर मिले !!-