पुरानी यादें बहुत ही अनमोल होती हैं
क्योंकि जब ये याद आती है
बहुत - कुछ यादे ताजा कर देतीे हैं ,
खुशी के पल याद आ जाए
तो बेवजह हम मुस्कुरा पड़ते हैं ,
और गम के पल याद आ जाए
तो आँखें बादल बन बरस पड़ते है ,
पुरानी यादें बहुत ही अनमोल होतीे हैं ,
क्योंकि ये बहुत कुछ ताजा कर देतीे है |-
पिटारा जब भी खुलता है पुरानी यादों का
आँखों से गहरा दर्द छलक ही जाता है
प्यार में किए उसके झूठे कसमों वादों का-
फिर से ले चल ए शब बिछडी हुई राहों में तू
कि वो पुरानी सी यादें जाने कब से ढूॅंढती हैं..-
पुरानी यादें
जब कभी याद आती है
अकेलेपन में ये रूला जाती है....
भीग जाती है ये आँखें मेरी
तन्हाई में जब ये याद आती है....
भीड़ में भी डसती है
ये जब तनहाईयां
वो मेरी रूह में शमा जाती है....
पुरानी यादें जब कभी याद आती है
आँसू बनके आँखों से छलक जाती है....।-
नहीं भूलना चाहतीं पुरानी यादें,
सज़ा कर रखी हुईं हैं,मैने दिल के हर एक कोने में,उन यादों के सहारे तो जी रही हूँ,तो क्यूँ इन यादों को भूलना चाहूंगी।
वो तेरी परवाह करना,वो तेरी सबसे अलग खुशबू साँसों में अभीभी बरक़रार हैं,आज भी मैरी धडकनो पे उसका इख़्तियार हैं,ऐसे कैसे उसे भूल सकतीं हूँ,बोलों तों।
क्यूँ किसीको भूल जाना होता हैं,ये मैं समझ ना पाऊँ,इन यादों में हर्ष सदा रहता हैं मन में,यादों मैं ख़ुश हो जाती हूँ,कभी अकेले में मुस्कुराती हूँ।
ये यादें मुझें कभी दर्दनाक नहीं लगीं, इससे विपरीत मैं उसमें खोती रही हर दिंन,सर्द रातों में,बरसातों में,कड़ी धूप में,ये यादें मेरे दिल में बसीं रही हर पल।
सभी यादें मैंने दिल में सँजो कर रखी हुईं हैं,उसकी यादें मेरे साथ,पास रहतीं हैं,जो औरों के पास नहीं है वो मेरे पास हैं,कितना असीमित,कितना विलक्षण,कितनी सुन्दर है ऐ अनुभूति वो जो सिर्फ मेरे क़रीब हैं।
सुखं भरीं यादें तुम्हें,आनंद देती हैं,क्यूँ भूलना होता है उसे जो कभी दिलों जान था,उसे भूलकर भी क्या मिलेगा ये ना समझ पाऊँ।
---- संघजया-
याद आ गई कुछ, अपनी ही पुरानी यादें ।
बन्द कमरे में ही खुद को, आँईना दिखाया था जब ।।-
बात तुम्हारी तस्वीर से करते-करते
अक्सर ख्यालों में खो जाया करता हूँ...
तुम आज भी बसी हो मेरी एक एक सांस में
इसलिए यादों में ही लिपट कर मैं सो जाया करता हूँ!-