निस्संदेह भाव
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Sanghajaya Jadhav
(संघजया)
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Author
Joined 25 March 2020
12 FEB 2022 AT 14:26
हमारे बीच कुछ लेन देन नहीं हुआ
शायद मेरी काबिलियत नहीं थी
या आपकी हैसीयत।-
5 FEB 2022 AT 14:00
दोस्त!!
बैचैनी महसूस करूँ कभी,
सर पर हाथ रख देना,
एक सहारा देना पीठ थपथपा कर ।-
11 JAN 2022 AT 3:27
मला नाही पुसता येणार माझा भुतकाळ
पण वर्तमानाचे धागे-दोरे माझ्याच हातात-
6 JAN 2022 AT 9:09
सत्यता पडताळून पाहू ही ऐपत माझी उरी मुरते
मी मग आभासी जगात बिनदिक्कत स्थिरावते-